होम / बड़ी ख़बरें / “शिक्षक वह दीपक हैं, जो स्वयं जलकर संसार को प्रकाशित करते हैं” – शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव
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-मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण एवं शिक्षा दूत सम्मान समारोह संपन्न
दुर्ग। बीआईटी कॉलेज सभागार में आज मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण एवं शिक्षा दूत सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, अध्यक्षता दुर्ग सांसद विजय बघेल और अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में दुर्ग ग्रामीण विधायक एवं राज्य ग्रामीण व अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष ललित चंद्राकर उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथियों में महापौर अल्का बाघमार, जिला पंचायत अध्यक्ष सरस्वती बंजारे, जिला पंचायत उपाध्यक्ष पवन शर्मा, दुर्ग जनपद पंचायत अध्यक्ष कुलेश्वरी देवांगन, जनपद सदस्य रजनी साहू, संचालक स्कूल शिक्षा विभाग हेमंत उपाध्याय, सहायक संचालक के.के. शुक्ला और जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
-कार्यक्रम का शुभारंभ ..
समारोह का विधिवत शुभारंभ मां सरस्वती की पूजा-अर्चना एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके बाद उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण योजना अंतर्गत शिक्षा श्री, शिक्षा दूत, उत्कृष्ट प्राचार्य एवं उत्कृष्ट प्रधान पाठक की उपाधि से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप सभी शिक्षकों को श्रीफल, प्रतीक चिन्ह और नगद राशि प्रदान की गई।
-“शिक्षकों का समर्पण शिक्षा की नींव” – गजेन्द्र यादव
मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने कहा– “शिक्षक वह दीपक हैं, जो स्वयं जलकर समाज और राष्ट्र का मार्ग आलोकित करते हैं। आज हम उन शिक्षकों का सम्मान कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी निष्ठा और परिश्रम से शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा दी है। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। मैं सभी शिक्षकों से अपेक्षा करता हूं कि वे और अधिक समर्पण से विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें।”
-“शिक्षक समाज का आदर्श निर्माता” – विजय बघेल
दुर्ग सांसद विजय बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक सिर्फ ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि वे बच्चों को जीवन के मूल्यों और आदर्शों की शिक्षा भी प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण की असली नींव शिक्षकों की मेहनत और मार्गदर्शन पर टिकी होती है।
-“शिक्षक सम्मान समाज का गौरव” – ललित चंद्राकर
दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने कहा कि शिक्षकों को सम्मानित करना समाज का गौरव है। उन्होंने कहा कि उनकी मेहनत और समर्पण से ही राज्य की शिक्षा प्रणाली मजबूत हो रही है और विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल बन रहा है।
-सम्मानित शिक्षक-शिक्षिकाएं
शिक्षा दूत अलंकरण..
चंद्रिका प्रसाद चंद्रवशी व्यासवात्ता, व्याख्याता, शास. उच्च. मा. विद्यालय सारंगपरकला (बालोद) तामसिंह पारकर, व्याख्याता, शास. उच्च. मा. विद्यालय कुसुमकसा (दुर्ग) शुभ्रा वर्मा, व्याख्याता, शास. उच्च. मा. विद्यालय पाऊवाश (दुर्ग)
मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण योजना – उत्कृष्ट प्राचार्य ...
लीनू तुली, प्राचार्य, स्वामी आत्मानंद उ.अ. मा. विद्यालय, आमापारा (बालोद-बेमेतरा) दुष्यंत कुमार परगनिहा, प्रभारी प्राचार्य, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय, हसदा (दुर्ग) लता रघुकुमार, प्राचार्य, स्वामी आत्मानंद उ.अ. मा. विद्यालय, कुम्हारी (कबीरधाम) बंसत कुमार डोरे, प्रभारी प्राचार्य, शास. उच्च. मा. विद्यालय कोड़ापुरी रोहित कुमार अम्बादे, प्राचार्य, शास. हाई स्कूल कंदाड़ी खैरा-छुई (गंडई) हिरान्तक कुमार द्विवेदी, प्राचार्य, पी.एम. श्री स्वामी आत्मानंद हिन्दी मा.उ.विद्यालय, छुईखदान
-मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण योजना – उत्कृष्ट प्रधानपाठक (पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक शालाएं) ..
रामाधार सिंह मंडावी, प्रधान पाठक, शा. पू.मा.शाला चदैनी-3 (कबीरधाम, पंडरिया) मंजू चंद्राकर, प्रधान पाठक, शा. पू.मा.शाला बाघामुड़ा (कबीरधाम, बोडला) विजय लक्ष्मी राव, प्रधान पाठक, शा. पू.मा.शाला अंडा (दुर्ग, धमधा) विकास कुमार चल्ले, प्रधान पाठक, शा. पू.मा.शाला पिटौरा (दुर्ग, पाटन) उदय शंकर त्रिपाठी, प्रधान पाठक, शा. पूर्व माध्यमिक शाला बंधी (बेमेतरा, बेरला) गायत्री जोगी, प्रधान पाठक, शा. पूर्व माध्यमिक शाला राखी (बेमेतरा, नवागढ़) सेऊक राम साहू, प्रधान पाठक, शा. पूर्व माध्यमिक शाला मक्खनपुर (बालोद, डौंडी) अनिरुद्ध दास नवरंगा, प्रधान पाठक, शा. पू.मा.शाला हितेकसा (राजनांदगांव) लावण्य प्रभा सिंह, प्रधान पाठक, शा. पूर्व माध्यमिक शाला शंकरपुर (राजनांदगांव, छुरिया) उमेश्वर दास सार्वा, प्रधान पाठक, शा. पूर्व मा.शाला बिसाहूटोला (राजनांदगांव, डोगरगांव) यह सम्मान समारोह शिक्षकों के योगदान को समाज के सामने रेखांकित करता है। शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, सांसद विजय बघेल और विधायक ललित चंद्राकर ने एक स्वर में कहा कि “शिक्षकों का योगदान ही भविष्य के भारत को दिशा देगा”। इस अवसर पर उपस्थित जनों ने शिक्षकों को खड़े होकर तालियों की गड़गड़ाहट से सम्मानित किया।
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