दुर्ग/नगपुरा। छत्तीसगढ़ स्थित जैन धर्मावलंबियों के एक मात्र प्राचीन तीर्थ स्थल श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा (दुर्ग) के जीर्णोद्धार-तीर्थोद्धार मार्गदर्शक श्री लब्धि-विक्रम गुरु कृपा प्राप्त गच्छाधिपति आचार्यदेव श्रीमद् विजय राजयश सूरीश्वर जी म० सा० का अहमदाबाद साबरमती में दि० 19 अगस्त, मंगलवार को संध्या 6.03 बजे काल धर्म (महाप्रयाण) हो गया। तपागच्छाधिपति आचार्य देवेश श्री मनोहर कीर्तिसागर सूरिजी, आचार्य श्री उदयकीर्तिसागर सूरीजी, आचार्य श्री वीतरागयश सूरीजी ,प्रवर्तिनी साध्वीवर्या श्री वाचंयमा श्री जी (बेन म०सा०) आदि साधु-साध्वीजी भगवतों सहित चतुर्विध संघ की नवकार महामंत्र जाप के साथ आचार्य श्री राजयश सूरीजी ने समाधिपूर्वक अंतिम प्रयाण किए ! उल्लेखनीय है कि सम्पूर्ण जैन समुदाय के आचार्यो, साधु साध्वियों, श्रावक-श्राविकाओं के बीच प्रशांतमूर्ति, सदैव प्रसन्न चित्त, वात्सल्यवारिधि, प्रकाण्ड न्याय-व्याकरण- ज्योतिषी ज्ञाता, सरलता और आगमवेता जिन शासन के प्रभावक आचार्य के रूप में स्मरणीय आचार्यदेवेश श्री राजयश सूरीजी म० सा० ने उवसग्गहरं ,बनारस, भरूच, कुल्पाकजी, वणछरा, प्रेरणा तीर्थ, चम्पापुरी तीर्थ, महेन्द्रपुरम्, आदि अनेको प्राचीन एवं नवीन तीर्थो का जीर्णोद्धार-तीर्थोद्धार कराया। आपके वरदहस्त से प्राणप्रतिष्ठित अनेको जिन बिम्बों की विदेशों में प्रतिष्ठा हुई है। संगीत के मर्मज्ञ आचार्य देवेश प्रभु भक्ति में सदैव लीन रहते थे। अनेको ग्रंथों- साहित्यों का सृजन सम्पादन आपने किया।
नदियाड़ (गुज) में जन्मे पूज्य
आचार्य श्री ने 19 वर्ष की आयु में मुम्बई में दीक्षाग्रहण किए और दीक्षा उपरांत 62 वर्षों की दीर्घ साधना सभर संयम जीवन के साथ 82 वर्ष की आयु में देवलोक गमन किए। आपके सानिध्यता एवं आशीर्वाद से अनेकों समाज सेवी,राजनेताओं सहित धार्मिक आत्माओं ने अपने जीवन में उत्तरोत्तर प्रगति किए। आपके अंतिम प्रयाण से समूचे जैन समाज में शोक की लहर है। आज 20 अगस्त बुधवार को आचार्य श्री का पालकी (अंतिम यात्रा) साबरमती से प्रारम्भ प्रारम्भ होकर सोलारोड अहमदाबाद जावेगा जहाँ पूज्य आचार्य श्री का दोप 2.30 बजे अंतिम संस्कार होगा। अंतिम संस्कार में देशभर के गुरुभक्त, एवं गुजरात- महाराष्ट्र के अनेको राजनेता शामिल होंगें ! तीर्थ की ओर से ट्रस्टीगण मनीष भाई मेहता,सुरेश बागमार, हर्षित टोलिया, भरत ओसवाल आदि गुरुदेव की अंतिम यात्रा में शामिल रहेंगे ।
देववंदना क्रिया के साथ-नगपुरा में भाव अश्रुपूरित श्रद्धांजलि...
नगपुरा तीर्थ आचार्य श्री के समुदायवर्ती साध्वी श्री लक्ष्ययशा श्री, साध्वी श्री लब्धियशाश्री, साध्वी श्री आज्ञायशा श्री म० सा० चातुर्मासार्थ विराजित है. आज प्रातः साध्वीवृंद की निश्रा में देशभर से आये चातुर्मास आराधकों ने देववंदना क्रिया के साथ पूज्य आचार्य श्री को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित किए ! ट्रस्ट मंडल के अध्यक्ष गजराज पगारिया, मैंनेजिंग ट्रस्टी पुखराज दुगड़, ट्रस्टी भीखमचंद कोठारी, मूलचंद जैन, विजय चोपड़ा, पुखराज मुणोत्त, पन्नालाल गोलछा, राजेन्द्र गोलछा, चंद्रकुमार फत्तेपुरिया सहित मयूर भाई सेठ भरुच, ज्ञानचंद बैद धमतरी, गुरूभक्त संतोष यादव,वर्धमान गुरुकूल एवं आरोग्यम् परिवार, जितेन्द्र देशमुख ,डा दानेश्वर टंडन, धर्मेश जैन परभणी, ने श्रद्धांजलि के साथ आचार्य श्री की मोक्षपद प्राप्ति की कामना के साथ प्रार्थना किए।
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