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ऑपरेशन धराली: 357 लोगों को रेस्क्यू किया गया, आठ सैनिक और 100 लोग अभी भी लापता

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नई दिल्ली। उत्तराखंड के धराली और हर्षिल क्षेत्र में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन धराली के तहत राहत और बचाव कार्यों की कमान संभाल रखी है। सेना के मुताबिक यहां अब तक 357 से अधिक नागरिकों को वायु और स्थल मार्ग से सुरक्षित निकाला गया है।
इनमें से 119 को देहरादून एयरलिफ्ट किया गया। 13 सैनिकों को भी रेस्क्यू किया गया है। 2 नागरिकों की मौत की पुष्टि हुई है। हालांकि 14 राज राइफल्स के 08 सैनिक व लगभग 100 नागरिक अभी भी लापता हैं।
सेना के मुताबिक 7 अगस्त को कुल 68 हेलिकॉप्टर उड़ानें संचालित की गईं। इनमें भारतीय वायुसेना की 6, भारतीय सेना की 7 और नागरिक हेलिकॉप्टर की 55 उड़ानें शामिल हैं। सी-295 विमान के माध्यम से देहरादून, हर्षिल, मतली और धारासू के बीच हेलि-ब्रिजिंग जारी है। वहीं हेलिकॉप्टरों के जरिए राहत सामग्री, उपकरण और राहतकर्मी पहुंचाए जा रहे हैं, साथ ही दुर्गम क्षेत्रों से नागरिकों को निकाला जा रहा है।
भारतीय सेना की टुकड़ियां, इंजीनियर, मेडिकल टीमें, और खोजी कुत्ते राहत कार्य में जुटे हैं। एनडीआरएफ के 105 जवान और एसडीआरएफ के दल मौके पर सक्रिय हैं। आईटीबीपी की टीमें, जिनमें चिकित्सा अधिकारी भी शामिल हैं, धराली और हर्षिल में तैनात हैं। डॉक्टर्स, नर्सिंग असिस्टेंट्स, और कॉम्बैट मेडिक्स द्वारा बचाए गए लोगों को प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है।
सेना के साथ भारतीय वायुसेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ और नागरिक प्रशासन मिलकर यह बहु-एजेंसी राहत अभियान चला रहे हैं। वर्तमान स्थिति की बात करें तो धराली अभी भी सड़क मार्ग से पूरी तरह कटा हुआ है, हालांकि सड़क साफ करने का कार्य लिमचिगाड़ तक पहुंच चुका है।
एक बेली ब्रिज का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसे शुक्रवार शाम तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है। मतली और हर्षिल में फिलहाल मौसम साफ है, जबकि देहरादून में बादल और हल्की वर्षा के कारण कुछ हेलिकॉप्टर उड़ानें प्रभावित हुई हैं। भारतीय सेना के मुताबिक उनके द्वारा हर्षिल में एक संचार नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिसमें वाई-फाई और सैटेलाइट कनेक्टिविटी उपलब्ध है।
बीएसएनएल और एयरटेल द्वारा संचार सेवाओं की बहाली के प्रयास जारी हैं। उत्तरी भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग और 9 माउंटेन ब्रिगेड के कमांडर हर्षिल में मौजूद हैं और राहत कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं। शुक्रवार को यहां लिमचिगाड़ में बेली ब्रिज का शुरू किया जाएगा, जिससे सड़क संपर्क बहाल हो सके। वहीं हवाई मार्ग से राहत सामग्री और उपकरणों की आपूर्ति जारी है। हर्षिल और आसपास के क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन जारी है। शेष बचे नागरिकों को आज हर्षिल से मतली और देहरादून तक एयरलिफ्ट ककिया जाएगा।
भारतीय सेना ने पुनः आश्वस्त किया है कि वह प्रभावित नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है, और कठिन भू-भाग व प्रतिकूल मौसम की चुनौतियों के बावजूद राहत कार्य 24 घंटे जारी रहेगा।

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