नई दिल्ली। पवित्र सावन महीने की शुरुआत के साथ ही देशभर के प्रमुख तीर्थस्थलों पर ‘बम-बम भोले’ के जयकारे गूंज रहे हैं। भगवान शिव को समर्पित यह महीना श्रद्धा, आस्था और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर वाराणसी, हरिद्वार और प्रयागराज जैसे तीर्थस्थलों पर शुक्रवार की सुबह भक्ति, सेवा और समर्पण के अद्वितीय उदाहरण के रूप में देखी गई। हजारों शिव भक्त मंदिरों में भगवान की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करने के लिए कतारों में खड़े हुए।
देवभूमि हरिद्वार में ‘बम-बम भोले’ और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों की गूंज है। शुक्रवार सुबह ‘हर की पौड़ी’ पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। दूर-दराज से पहुंचे शिवभक्त गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और गंगाजल भरकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं।
हरिद्वार के कनखल स्थित दक्षिणेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। भोले बाबा की ससुराल कहे जाने वाले इस पावन धाम में भक्तों ने जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित किया। श्रद्धालुओं का मानना है कि सावन में यहीं से भोलेनाथ सृष्टि का संचालन करते हैं। इसी आस्था के चलते भक्त दूर-दूर से यहां दर्शन के लिए पहुंचे।
हरिद्वार में प्रशासन की ओर से मंदिर में सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जगह-जगह पुलिस बल तैनात है, मेडिकल कैंप, जलपान केंद्र और विश्राम स्थलों की व्यवस्था से श्रद्धालुओं को राहत मिल रही है। कांवड़ यात्रा के लिए आए भक्तों का जोश देखते ही बनता है।
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दिन की शुरुआत ‘मंगला आरती’ के साथ हुई, जिसके बाद मंदिर के द्वार आम दर्शन के लिए खोल दिए गए। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची। उत्साह से भरे भक्त लंबी लेकिन व्यवस्थित कतारों में खड़े होकर बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए उत्सुक थे। इस दौरान “हर-हर महादेव” के जयघोष के साथ मंदिर परिसर भक्तिमय हो उठा। वाराणसी मंडलायुक्त ने शिवभक्तों पर पुष्पवर्षा की।
दिल्ली से काशी विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंची एक महिला ने कहा, “सावन का पहला दिन है और दर्शन बहुत अच्छे से हुए। व्यवस्थाएं और सुविधाएं शानदार हैं। सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है और साफ-सफाई बहुत अच्छी है। सभी ने व्यवस्थित ढंग से मंदिर में दर्शन किए हैं।”
एक भक्त ने भी काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए की गई व्यवस्था की तारीफ की। उन्होंने कहा, “व्यवस्था उत्तम है। आराम से बाबा विश्वनाथ के दर्शन हुए हैं।”
इसी तरह प्रयागराज में भक्तों की भीड़ सावन के पवित्र महीने पर त्रिवेणी संगम में स्नान करने पहुंची है। श्रद्धालुओं ने ब्रह्म मुहूर्त में ही यमुना किनारे स्थित श्रीमनकामेश्वर मंदिर का रुख किया। भगवान शिव के विविध रूपों की पूजा-अर्चना के लिए गंगाजल, दूध, बेलपत्र आदि लेकर भक्त पहुंचे। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं।
बड़ी संख्या में भक्त दशाश्वमेध घाट पर पवित्र गंगा जल लेने के लिए एकत्रित हुए। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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