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राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ कर रहे हैं आधुनिक आइसोलेशन वार्ड:महामारी के अभाव में इनका हो रहा है नवाचारपूर्ण वैकल्पिक उपयोग

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-ईसीआरपी एवं नाबार्ड योजनाओं से ग्रामीण अंचलों में पहुंची आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं
रायपुर
। छत्तीसगढ़ में कोविड-19 जैसी महामारियों से निपटने की तैयारी को मजबूत करने और आमजन तक गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने के उद्देश्य से ठोस कदम उठाए हैं। इमरजेंसी कोविड रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस पैकेज (ईसीआरपी) के तहत प्रदेश के 571 स्वास्थ्य केंद्रों – जिसमें 62 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 385 उप-स्वास्थ्य केंद्र एवं 124 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं – में अतिरिक्त आइसोलेशन वार्ड स्वीकृत किए गए। इनमें से 422 भवनों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है और 141 वार्ड तेजी से निर्माणाधीन हैं। ये सभी आइसोलेशन वार्ड न केवल भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए तैयार रहेंगे, बल्कि वर्तमान में स्वास्थ्य व्यवस्था को व्यापक और सशक्त बनाने में योगदान कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नाबार्ड पोषित योजना के अंतर्गत भी राज्य में व्यापक स्तर पर आइसोलेशन सुविधाओं का विकास हुआ है। इस योजना के तहत 25 जिला अस्पतालों में 20 बिस्तरों के और 170 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 10 बिस्तरों के आधुनिक आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए गए हैं, जिनका निर्माण कोविड महामारी के दौरान मरीजों के पृथक उपचार के लिए किया गया था। वर्तमान में महामारी के अभाव में इन भवनों का नवाचारपूर्ण वैकल्पिक उपयोग किया जा रहा है। कहीं इन्हें चिकित्सा उपकरणों एवं दवाओं के सुरक्षित भंडारण के लिए स्टोर रूम के रूप में प्रयोग किया जा रहा है, तो कहीं इन्हें प्रशिक्षण केंद्र एवं बैठक कक्ष के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है।आइसोलेशन भवनों ने स्वास्थ्य संस्थानों की कार्यक्षमता को कई गुना बढ़ा दिया है। इनके बहुउद्देशीय उपयोग से स्वास्थ्य कर्मियों के कार्य संचालन में सुविधा मिली है और आकस्मिक परिस्थितियों में त्वरित तैयारियों की क्षमता भी सशक्त हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों  ने बताया कि रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आइसोलेशन वार्ड का भवन तकनीकी कारणों से अभी तक हैंडओवर नहीं हो सका है। जल्द ही आवश्यक प्रक्रियाएं पूर्ण कर इसे भी स्वास्थ्य सेवाओं में सम्मिलित किया जाएगा।
इन सभी आइसोलेशन वार्डों को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि आवश्यकता पड़ने पर अल्प सूचना में ही इन्हें सक्रिय किया जा सके। राज्य सरकार की यह पहल छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़, सक्षम और भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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