6 जुलाई रविवार को प्रवेशोत्सव
नगपुरा/ दुर्ग। तपोभूमि श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा में इस वर्ष भव्य चातुर्मास आयोजित है। चातुर्मास का विधिवत प्रवेश 6 जुलाई को सुबह 8 बजे होगा। तीर्थ प्रबंधन की विनंति पर तीर्थोध्दार-जीर्णोद्धार मार्गदर्शक गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय राजयश सूरीश्वर जी म.सा ने अपनी आज्ञानुवर्तिनी साध्वीवृंद तपस्विनी साध्वी श्री लक्ष्ययशा श्री जी मसा., व्याख्यात्री साध्वी श्री लब्धियशा श्री जी मसा. एवं कार्यकुशल साध्वी श्री आज्ञायशा श्री जी मसा.को तीर्थ में चातुर्मास आराधना हेतु भेजा है। उल्लेखनीय है पूज्य साध्वीवृंद तीर्थ में सन् 2018 एवं 2019 में सामूहिक चातुर्मास आराधना के साथ पोष दशमी महोत्सव एवं संस्कार शिविर के आयोजन में निश्रा प्रदान किए थे। सन् 2019 से निरंतर तीर्थ के विकास को दृष्टिगत रखते हुए तीर्थपति श्री उवसग्गहरं पार्श्व प्रभु की विशिष्ट पूजा करते आ रहे हैं। हैद्राबाद, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्णाटक, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के विभिन्न शहरों / ग्रामों में "उवसग्गहरं- उत्सव", आयोजन के माध्यम से तीर्थ को जगह-जगह प्रतिष्ठित किए, अभी तक लगभग 161 स्थानों पर "उवसग्गहरं -उत्सव" का आयोजन साध्वीवृंद द्वारा किया जा चुका है। तीर्थपति की महिमा एवं उवसग्गहरं स्तोत्र एवं वर्धमान शक्रस्तव के साथ महाभिषेक, विशिष्ट पूजा अनुष्ठान से हजारों श्रद्धालुओं को जोड़कर तीर्थयात्रा के लिए प्रेरित किए है
इस तारतम्य में तीर्थ अध्यक्ष गजराज पगारिया ने
बतलाया कि इस वर्ष पूज्य साध्वीवृंद की निश्रा में देशभर से लगभग 207 आराधकगण तीर्थ परिसर में सामूहिक चातुर्मास की आराधना करने पधार रहे हैं।
चातुर्मास आराधकों के साथ ही देशभर से अनेक जैन श्री संघ के प्रतिष्ठित गणमान्य अतिथियों का भी आगमन हो रहा है । पूज्य साध्वीवृंद एवं चातुर्मास आराधकों का आराधना पूर्व रविवार 6 जुलाई प्रात: 8 बजे बाजे-गाजे-रथ- घोड़ा बैंड-जुलूस के साथ भव्य चातुर्मास प्रवेश-उत्सव आयोजित है।
चातुर्मास आराधना के अंतर्गत प्रतिदिन प्रवचन, प्रत्येक रविवार को विशिष्ट महापूजन, प्रत्येक शुक्रवार को अधिष्टायिका देवी श्री पद्मावती माता को चुनरी समर्पण, रात्रि में भक्ति-भावना, सम्पन्न होगा। चातुर्मास में अनेक तपाराधक भी पधार रहें है, इन तपस्वियों के तप-आराधना से तीर्थ मे तप अनुमोदना का विशेष आयोजन होगा। चातुर्मास उत्सव आत्मजागृति का विशेष पर्व होता है। श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ की महिमावंत - ऊर्जावंत भूमि, दादा श्री उवसग्गहरं पार्श्वनाथ की छत्रछाया और विदूषी साध्वी जी गुरु भगवंतों की सान्निध्यता में 54 दिनों तक तीर्थ में प्रतिदिन उत्सव का वातावरण रहेगा।
संपादक- पवन देवांगन
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