होम / ब्रेकिंग / राज्य सरकार नहीं कर रहे है केंद्रीय न्यूनतम वेतन अधिनियम कानून का पालन,श्रमिकों को अरबों रुपए के पारिश्रमिक से वंचित होना पड़ा है - छत्तीसगढ़ श्रमिक मंच
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दुर्ग। छत्तीसगढ़ श्रमिक मंच के संयोजक एड राजकुमार गुप्त और अध्यक्ष सहदेव साहू ने राज्य के श्रमायुक्त, सचिव श्रम विभाग और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर केंद्रीय कानून न्यूनतम वेतन अधिनियम का पालन करने की मांग की है, पत्र में श्रमिक मंच के नेताओं ने कहा है कि अधिनियम में प्रत्येक 5 साल में दैनिक पारिश्रमिक पर काम करने वाले श्रमिकों के पारिश्रमिक का पुनर्निर्धारण करने का प्रावधान है, मप्र राज्य में 1997 में पुनर्निर्धारण किया गया था इस प्रकार छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वर्ष 2002, 2007, 2012, 2017और 2022 में इस प्रकार कुल 5 बार पारिश्रमिक का पुनर्निर्धारण किया जाना था किन्तु राज्य सरकार ने अब तक सिर्फ 2 बार वर्ष 2010 और 2017 में पारिश्रमिक का पुनर्निर्धारण विलंब से किया गया है। लाभान्वित होने वाले श्रमिकों को एरियर्स का भुगतान भी नहीं किया गया है, अधिनियम के प्रावधान का पालन करते हुए समय पर पारिश्रमिक का पुनर्निर्धारण नहीं करने, विलंब से पुनर्निर्धारण करने और एरियर्स की राशि से वंचित करने के कारण राज्य के दैनिक वेतन भोगी श्रमिको को अब तक करोड़ों रुपए की राशि से वंचित होना पड़ा है।
छत्तीसगढ़ श्रमिक मंच के नेताओं ने कहा है कि मंच ने मई 2022 और मार्च 2024 में पत्र लिखकर अधिनियम के प्रावधान के अनुसार प्रत्येक 5 वर्ष में पारिश्रमिक का पुनर्निर्धारण करने और विलंब होने की स्थिति में एरियर्स देने की मांग की थी लेकिन पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया अतः 23 जून 2025 को राज्य के श्रमायुक्त, सचिव श्रम विभाग और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पुनः अधिनियम के प्रावधान का पालन करने की मांग की है, पर में श्रमिक मंच के नेताओं ने कहा है पारिश्रमिक पुनर्निर्धारण में श्रमिकों को न्यूनतम गारंटी का लाभ भी मिलना चाहिए।
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