-सरकार को 26 करोड़ का लगा चूना
रायपुर । छत्तीसगढ़ के धान खरीदी केंद्रों से 84 हजार मीट्रिक टन धान गायब हो गए हैं, जिससे सरकार को 26 करोड़ से अधिक का नुकसान हो रहा है। राजधानी के खरोरा के पचारी धान खरीदी केंद्र में 425 क्विंटल धान चोरी हुए। जांच में धान चोरी की पुष्टि और 10 लाख के नुकसान पर एफआईआर कराने के निर्देश जिला सहकारी बैंक को दिए गए हैं।
इधर, रायपुर जिला सहकारिता उप पंजीयक डीडी जोगंश ने बताया कि खरोरा की तरह रायपुर के 28 से अधिक केंद्रों में धान के शोर्टेज है। इस पर जांच की जा रही है। वसूली नहीं होने की स्थिति में एफआईआर के निर्देश दिए गए है। प्रदेश भर में अन्य धान केंद्रों से धान गायब होने की जानकारी सामने आई है।
संभाग वार धान गायब होने की स्थिति
प्रदे्रश में खरीफ वर्ष 2024-25 में 149 मीट्रिक धान की खरीदी की गई थी। खरीदी कें द्रों से 72 घंटे में धान उठाव करने के निर्देश थे, लेकिन कई केंद्रों में समय पर उठाव नहीं होने के कारण कई अनियमितता सामने आई है। प्रदेश के पांच संभागों के खरीदी केंद्रों का मिलान करने पर 84 हजार मीट्रिक टन धान की कमी पाए जाने पर मार्कफेड और सहकारिता विभाग एक्सन में आया। रायपुर संभाग में 17048.03 मेट्रिक टन, बस्तर संभाग में 21629.3 मेट्रिक टन, बिलासपुर संभाग में 6512.41 मेट्रिक टन, दुर्ग संभाग में 28246.46 मेट्रिक टन और सरगुजा संभाग में 9877.76 मेट्रिक टन धान का शार्टेज पाया गया है। प्रदे्रश में 2038 धान खरीदी समितियां पंजीकृत हैं। 2739 धान खरीदी केंद्र संचालित हैं।
उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई-कश्यप
धान शोर्टेज के मामले में सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने केंद्रों से धान चोरी और गायब होने के मामले पर गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है, इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
धान के शार्टेज पर
वहीं मार्कफेड की संचालक किरण कौशल ने कहा, प्रदेश में जहां भी धान के शोर्टेज की स्थिति है, उसे लेकर विभागीय अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए है।
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