बालाघाट। सिक्ख समाज के पांचवे गुरू अर्जनदेव जी का शहीदी दिवस, गुरूद्धारे में मनाया। शहीदी दिवस पर गुरूद्धारे में अमृतसर से पहुंचे कथावाचक सुखदेवसिंह खालसा ने अर्जुनदेव जी की कथा का वाचन किया।
उन्होंने बताया कि गुरू अर्जनदेवजी को, उनके बड़े भाई पिरथीचंद के विरोध, दीवान चंदुमल की दुश्मनी, भक्तो की बाणी गुरूग्रंथ साहिब में दर्ज ना करने की शिकायत और जहांगीर की कट्टरता तथा मजहबी द्धेष के कारण, शहादत का जाम पीना पड़ा।
श्री गुरूदारा प्रबंधक कमेटी अध्यक्ष हीरासिंग भाटिया ने बताया कि शहादत दिवस पर, 21 दिन तक चले महिला सत्संग के सुखमनी पाठ का समापन किया गया। जिसके बाद सहज पाठ की सेवा जसमीतसिंग, मनमीतसिंग पसरिचा और छबिल की सेवा गुरूदयालसिंग सौंधी तथा हरगोपाल सिंग भाटिया की ओर से की गई। शहादत दिवस पर सिक्ख समाज से 18 लोगों ने पीड़ित मानवता के सेवार्थ रक्तदान किया। कार्यक्रम के अंत में गुरूद्धारा में साध संगत की ओर से लंगर की सेवा की गई।
शहादत दिवस के अवसर पर गुरूद्धारे में सामाजिक लोगों में जयप्रित कौर भाटिया, हरजससिंग भाटिया, प्रिया रामनखानी, अनमोलसिंग वासु, संजय भाटिया, गुरदीपसिंग, भूपिन्दरसिंग, सतविंदरसिंग भाटिया, कुलदीपसिंग खालसा, रमनदीपसिंग, रविन्दरसिंग, हरमिन्दरसिंग, मनमीतसिंग, मधु छुट्टानी, हरप्रित कौर, दर्शन कौर, श्यामसिंग झारिया और विशाल झारिया ने पीड़ित मानवता के सेवार्थ, जिला चिकित्सालय के लिए, ब्लड वेन में रक्तदान किया।
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