दुर्ग-भिलाई

सूचनातंत्र मजबूत कर महादेव एप्प का पैनल चलाने वालों को पकडेंगे-एसएसपी अग्रवाल

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-एसीसीसीयू में वर्षो से जमे पुलिस कर्मियों की करूंगा समीक्षा,नए को मिलेगा मौका गुण्डई करने वाले बदमाशों के खिलाफ जिलाबदर व एनएसए की होगी कार्यवाही
भिलाई।
जिले के नवपदस्थ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा में  कहा है कि वे वर्ष 1998 से उप पुलिस अधीक्षक से अपने पुलिसिंग की शुरूआत की है। सागर में उन्होंने ट्रेनिंग करने के बाद रायपुर में वे प्रोविजनल पिरेड में रहे और छत्तीसगढ में जब वे आए, तो सबसे पहले वे चौथी बटालियन में रहे, तत्पश्चात राज्यपाल के सुरक्षा अधिकारी के रूप में सेवाएं दी। उसके पश्चात एसडीओपी जशपुर, धमतरी, जांजगीर, डोंगरगढ, एएसपी के रूप में कवर्धा, मोहला मानपुर, रायपुर, जांजगीर व दुर्ग में रहे। वे दुर्ग में पूर्व में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ट्राफिक व क्राईम ब्रांच मे तथा एसएफ सातवीं बटालियन भिलाई में कमांडेंट के पद पर सेवा दे चुके है। एसपी जशपुर, जांजगीर चापा, सरगुजा, बलौदाबाजार के बाद अब दुर्ग में बतौर एसएसपी के पद पर राज्य शासन ने उन्हें पदस्थ किया है। एसएसपी विजय अग्रवाल गुरुवार को सेक्टर-06 स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में मीडिया से रुबरु हुए। इस दौरान उन्होने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि पुलिस पारदर्शी, जवाबदेही एवं संवेदनशील हो। बैठक में मैंने अपने मातहत सभी अधिकारियों ेको स्पष्ट कहा है कि आप लोग पूरी निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ काम करें। जनता की सुनवाई हो, अपराधियों में खौफ हो, जिले मे सिपाही, प्रधान आरक्षक, टीआई, सीएसपी व एडिसनल एसपी मेरी टीम है। ये अच्छा कार्य करेंगे, मुझे ऐसी उम्मीद है। उन्होने कहा कि अण्डरब्रिज व ओव्हरबिज बनने के बावजूद भी ट्राफिक का दवाब व गाडियों की संख्या बढी है, हादसे व मौत कम हो, इसके लिए ट्राफिक पुलिस को बेहतर कार्य करने के लिए निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि कंडम एवं पुराने वाहन जो सडकों के किनारे खड़े हुए है, उन पर भी शीघ्र कार्यवाही की जाएगी। हेलमेंट एव कार में चलने वाले लोग जो सीट बेल्ट नही लगा रहे है, उन पर दुर्ग पुलिस सख्ती बरतेगी। यंगिस्टार या कोई भी हो, दो पहिया या चार पहिया मेंं शराब पीने वाले शराबियों की भी खैर नहीं होगी। खासतौर से रात में घूमने वाले लोग अब पुलिस कार्यवाही से बच नहीं सकेंगे।  मोटर व्हीकल एक्ट के माध्यम से भी पुलिस कार्यवाही करेगी। दुबारा यदि कोई पकडायेगा तो उनका लायसेंस भी निरस्त किया जाएगा।
एसएसपी श्री अग्रवाल ने कहा कि साईबर एवं सोशल मीडिया के अपराध चैलेंज है, उसके लिए निगरानी सेल के अलावा जागरूकता कार्यक्रम चलाया जायेगा और उन अपराधियों व युवाओं को मेरी नसीहत है कि चाकू दिखाकर रील अपलोड करने वाले युवा व अपराधी सावधान हो जाए, ऐसे लोग समाज में भय पैदा कर रहे है। चाकूबाजी की घटना न हो, जो लोग चाकू लेकर घूम रहे है, वे चाकू किससे लिए है, व कहां से लाया गया है, पुलिस उन पर भी कार्यवाही करेगी। साईबर ठग अलग-अलग पैतरा अपनाकर ठगी कर रहे है। जैसे एडमिशन के वक्त एडमिशन हो जायेगा, जैसे अनेकों उदाहरण है, जो लोग एन्ड्राईड मोबाईल का उपयोग कर रहे है, वे बिना जाने सोचे समझे किसी भी लिंक को न दबाए, नही तो उन्हें पछताना पड़ेगा। सड़क हादसों को रोकने के लिए ट्रेप कैमरे का उपयोग ट्रॉफिक पुलिस करेगी। सुखा नशा के सप्लायर व उपयोग करने वाले लोगों पर पुलिस सख्ती से निपटेगी। छात्र और आदतन लोगों पर हम नकेल कसेंगे। मैने सभी सीएसपी को सुखे नशे के जो मामले है, उसमें संगठित अपराध की धाराएं जोड़ने के निर्देश दिए है, ताकि वह जेल में रहे व जल्दी बाहर ना आ सके। महादेव एप्प एवं सट्टा का काम करने वाले लोग व पैनल चलाने वाले लोगों पर कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए सूचना तंत्र को और भी मजबूत किया जाएगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि पुलिस जनता की हिमायती बनकर संवेदनशीलता व सक्रियता के साथ लोगों के पूरी समस्या व प्रकरण को सुने। संज्ञेय व असंज्ञेय अपराध को थानेदार समझे यदि अपराध दर्ज करने लायक है, तो तुरंत अपराध दर्ज कर जांच कर उन्हें न्याय दिलाए। सिविल मामलों में सीधे फेना काटकर कोर्ट जाने की सलाह दे, ताकि वे भटकाव की स्थिति में ना रहे। नशे के कारोबार में पुलिस की भी अगर संलिप्तता पाई जाएगी, तो उन पर भी कार्यवाही की जाएगी। श्री अग्रवाल ने एसीसीसीयू (क्राईम ब्रांच) में 20 सालों से जमे सिपाहियों से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि किसी भी पुलिस कर्मी को एक जगह तीन साल से अधिक नही रख सकते है। फिर भी यदि ऐसा है, तो इसकी समीक्षा करके नये लोगों को मौका दिया जाएगा। गुंडे व निगरानी बदमाशों की समीक्षा करे, जो गुण्डे निष्क्रिय हो गये है और जो वास्तव में गुंडई कर रहे है, उन्हें चिंन्हांकित करे। पुलिस आदतन बदमाशों से निपटने के लिए उनके विरूद्ध जिला बदर, एनएसए, एवं अन्य तरीकों की धाराओं से निपटेगी। थानेदारों को यह देखना है कि गुण्डा किस लेबल की गुंडई कर रहा है। महिला संबंधी अपराधों में सुप्रीम कोर्ट की जो भी गाईड लाईन है, उसका दुर्ग पुलिस शत-प्रतिशत पालन करेगी। झूठी एव फर्जी शिकायतों के लिए अब कई उपाय है, यदि शिकायत झूठी व फर्जी है तो आजकल सीसीटीवी कैमरा व सोशल मीडिया के मार्फत पीडित अपनी बातों को रख सकता है। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर, एएसपी अभिषेक झा भी मौजूद रहे।

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