नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद जुमे की नमाज को लेकर पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी है। इसी क्रम में यूपी की राजधानी लखनऊ, गाजियाबाद, रायबरेली और संभल में धार्मिक स्थलों के सामने से मार्च निकाला जा रहा है। साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है। वहीं, अब लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए वक्फ संशोधन बिल को देश की सबसे बड़ी अदालत में चुनौती दी गई है।
AIMIM के अध्यक्ष और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख किया हैं। औवेसी ने देश की सर्वोच्च अदालत में इस संशोधन बिल के खिलाफ याचिका दायर की है। ओवैसी से पहले बिहार के कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। ऐसे में अभी तक वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिका दाखिल कर दी गई है। राज्यसभा से गुरुवार को बिल पास होने के बाद कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा था कि कांग्रेस हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। तमिलनाडु की DMK ने भी याचिका लगाने की बात कही थी। अब कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ बिल के खिलाफ पहली याचिका पेश की है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना में संशोधन कर उसमें वक्फ प्रशासनिक निकायों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना अनिवार्य किया गया है। ये करना धार्मिक शासन में अनुचित हस्तक्षेप है। इसके विपरीत, हिंदू धार्मिक न्यास विभिन्न राज्य अधिनियमों के तहत विशेष रूप से हिंदुओं द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं। जावेद ने अर्जी में कहा है कि यह चयनात्मक हस्तक्षेप, बिना अन्य धार्मिक संस्थानों पर समान शर्तें लगाए बिना किया गया है। लिहाजा ये एकतरफा और मनमाना वर्गीकरण है। ये अनुच्छेद 14 और 15 का सीधा सीधा उल्लंघन है। बता दें कि कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के व्हिप हैं। साथ ही वो वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य थे।
संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved
Powered By Global Infotech.