नई दिल्ली : भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, जो पिछले नौ महीनों से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में फंसी हुई हैं, अगले सप्ताह पृथ्वी पर लौटने के लिए तैयार हैं। इस दौरान उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उनकी दृढ़ता और हौसला कायम रहा।
अंतरिक्ष में अपने विस्तारित प्रवास के दौरान, सुनीता विलियम्स ने कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किए। उन्होंने 900 घंटे से अधिक समय रिसर्च में बिताया है, जो अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
सुनीता विलियम्स ने बनाया कीर्तिमान..
अपने अंतरिक्ष मिशन के दौरान, सुनीता विलियम्स ने कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं। उन्होंने तीन अंतरिक्ष मिशनों में 600 दिनों से अधिक समय बिताया है, और कुल 62 घंटे और 9 मिनट तक स्पेसवॉक किया है। यह किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री द्वारा किया गया सबसे लंबा स्पेसवॉक है।
900 घंटे का गहन रिसर्च..
अपने वर्तमान मिशन में, सुनीता विलियम्स ने बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान को उड़ाने का कार्यभार भी संभाला, जिसके निर्माण में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह यान नासा के लिए 4.2 बिलियन डॉलर की लागत से तैयार किया गया था। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहते हुए, उन्होंने विभिन्न उपकरणों और प्रणालियों को बदलने, स्टेशन की सफाई करने और पृथ्वी पर कचरा वापस भेजने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में योगदान दिया। सुनीता विलियम्स 150 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों में शामिल रहीं, जिनमें 900 घंटे से अधिक का गहन रिसर्च शामिल है।
बैरी विल्मोर भी सुनीता विलियम्स के साथ...
सुनीता विलियम्स के साथ, उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बैरी (बुच) विल्मोर भी कई महीनों से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर हैं। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने पिछले साल 5 जून को बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के पहले क्रू मिशन पर उड़ान भरी थी और 6 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे थे। यह मिशन मूल रूप से आठ दिनों का था, लेकिन इसे बाद में बढ़ा दिया गया।
पृथ्वी पर लौटने पर एक और रिकॉर्ड..
पृथ्वी पर वापसी के साथ ही सुनीता विलियम्स एक और अनूठा रिकॉर्ड बनाएंगी। वह चार अलग-अलग अंतरिक्ष कैप्सूल – स्पेस शटल, सोयुज, बोइंग स्टारलाइनर और स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन – उड़ाने वाली पहली अंतरिक्ष यात्री बन जाएंगी।
सुनीता विलियम्स की यह अंतरिक्ष यात्रा विज्ञान और मानव अन्वेषण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनकी सुरक्षित वापसी का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
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