रायपुर । छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस घोटाले में गिरफ्तार पूर्व आईएएस अधिकारी रानू साहू, निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया और कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को अंतरिम जमानत दे दी है। इसके बाद भी तीनों की रिहाई नही हो सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा है कि मामले में निर्धारित तारीख पर याचिकाकर्ताओं के आचरण पर रिपोर्ट प्रस्तुत करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस मामले में जांच में काफी समय लगेगा इसलिए समय लेने वाली प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी को शर्तो पर जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि किसी गवाह को प्रभावित करने, सबूतों से छेड़छाड़ करने या जांच में बाधा डालने में लिप्त पाया जाता है, तो राज्य सरकार अंतरिम जमानत रद्द कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है और उस स्थिति में अंतरिम जमानत रद्द कर दी जाएगी। इधर आज ही डीएमएफ घोटाला केस में ईओडब्ल्यू ने इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और कोर्ट से इनकी 6 दिन की रिमांड मांगी किन्तु अदालत ने सुनवाई के बाद इनकी 3 दिन की रिमांड मंजूर की है और अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी। तब तक सभी जेल में ही रहेंगें। जिसके चलते कोयला घोटाले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बावजूद सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया और रानू साहू की जेल से रिहाई नहीं हो सकेगी।
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