होम / दुर्ग-भिलाई / इस धरती पर राजन जैसा संत पैदा होना मुश्किल है : विजय बघेल
दुर्ग-भिलाई
-शांतिकुंज हरिद्वार से आए कालीचरण जी , विधायक गजेंद्र यादव, ने कहा सरलता सहजता ओर एक ही मुलाकात में अपना बना लेने के गुण विद्यमान थे राजन जी में
-यज्ञ,जप अनुष्ठान कर अपने गुरु को याद किया किया गुरु भक्त परिवारों ने
दुर्ग । संत पंडित राजन शर्मा की स्मृति एवं संस्मरण सभा अग्रसेन भवन दुर्ग में आयोजित की गई थी जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से उनको मानने वाले अनुयाई बड़ी संख्या में दुर्ग पहुंचे थे। दोपहर 2 बजे से 4 तक यज्ञ हवन अनुष्ठान का कार्य संपन्न हुआ उसके पश्चात अग्रसेन भवन के प्रांगण में संत प राजन शर्मा की संस्मरण सभा प्रारंभ हुई।
संस्मरण सभा में बतौर अतिथि सांसद दुर्ग लोकसभा क्षेत्र विजय बघेल, दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव, दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर विशेष रूप से उपस्थित रहे।
लगातार 33 वर्षों से हरिद्वार गायत्री शक्तिपीठ जीवनदानी शांती कुंज हरीद्वार में अपनी सेवा देने वाले संत कालीचरण जी शर्मा का इस आयोजन हेतु विशेष आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। उन्होंने अपने प्रेरक उद्बोधन में पंडित राजन शर्मा से जुड़ी अनेक बातों को याद किया और कहा इस धरती पर संत राजन शर्मा जैसा संत होना अति दुर्लभ है।
संस्मरण सभा में दुर्ग सांसद विजय बघेल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा विगत 30 वर्षों से अधिक समय से मैं राजन महाराज जी का लगातार सानिध्य का रहा हूं उनका प्रत्यक्ष आशीर्वाद और मार्गदर्शन मुझे सदा प्राप्त होता रहा है। जब जब भी उनसे जुड़े किसी भी कार्य हेतु मुझे आदेश होगा मैं इसके लिए सहर्ष तैयार रहूंगा।
दुर्ग नगर विधायक गजेंद्र यादव ने आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा में भी महाराज जी को बहुत वर्षों से जानता हूं मुझे भी उन्हें जानने का समझने का अवसर कई बार मिलता रहा है। सरल सहज मिलनसार मृदु भाषी संत राजन शर्मा जी का व्यक्तित्व अनेक गुणों से भरा है जो एक बार संत राजन शर्मा का दर्शन करता था मिलता था वह उन्हीं का हो जाया करता था। उनका किसी बात को समझना अनुसरण करने का तरीका बताना लोगों को अपनी ओर प्रेरित करता था। ऐसे संत दुनिया में कभी-कभी ही जन्म लेते हैं।
पंडित राजन शर्मा को मानने वाले देश ही नहीं विदेशों में भी उनके अनुयाई रहते हैं। इस आयोजन में वे प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं हो सके लेकिन अपनी वेदना और संवेदना को व्हाट्सएप के माध्यम से वीडियो संदेश में व्यक्त किया। इसी क्रम में स्विट्जरलैंड से श्रीमती मेटे ब्रांट, श्री हनु ने भी इंडिया नहीं पहुंच पाने पर अफसोस जाहिर किया और महाराज जी से जुड़े संस्मरण को याद किया।
आयोजित संस्मरण सभा को डॉ ओम तिवारी, कृष्ण कुमार विनोद, साईं प्रसादालय से संत मुकेश तिवारी, प्रफुल्ल संचेती, पूर्व महापौर शंकर लाल ताम्रकार, डॉ ए के सिंह, राजेश ताम्रकार, डामन लाल वर्मा, रजनी ताम्रकार, विद्या गुप्ता, राकेश शर्मा, बसंत कश्यप, ध्रुव दास महंत ने भी महाराज जी से जुड़े प्रेरक प्रसंग को याद करते हुए उन्हें अपने श्रद्धा सुमन व्यक्त किया।
कई लोगों की संस्मरण सुनाते ओर सुनते आंखें भर आई...
संस्मरण सभा के दौरान सभी ने यह महसूस किया भले ही राजन महाराज जी सह शरीर हमारे साथ नहीं है पर वे सूक्ष्म रूप में हम सभी के साथ हैं। जब-जब हम उनको याद करेंगे तब तक उनका दिव्य आशीर्वाद और मार्गदर्शन हम सभी को मिलता रहेगा।
गुरु भक्तों ने यह भी तय किया राजन महाराज जी से जुड़े संस्मरण को याद करने के लिए हम सभी लगातार मिलते-जुलते रहेंगे।संस्मरण सभा का सुंदर संयोजन गुरु भक्त संत मंगलम दास मंगलम ने किया। सभा का संचालन करते हुए उन्होंने भी राजन महाराज से जुड़े संस्मरण को आयोजित सभा में साझा किया।
पंडित राजन शर्मा की संस्मरण सभा के सुंदर आयोजन में अशोक तिवारी, सतीश चंद्राकर, शिव अग्रवाल, नरेंद्र मिश्रा, प्रफुल्ल संचेती, डॉ रंजन साहू, राम सर पिथोराजी श्री नरेंद्र मिश्रा, श्रीमती करुणा चंद्राकर, श्रीमती उषा मिश्रा, भरत साहू, रामा भास्कर, मनोज ताम्रकार, चंदर मकाने सहित राजन महाराज जी पर आस्था ओर विश्वास रखने वाले गुरु भक्त परिवार विशेष रूप से उपस्थित थे।
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