-ईश्वरीय विश्व विद्यालय "आनंद सरोवर " बघेरा में एक दिवसीय व्याख्यान..
दुर्ग (छत्तीसगढ़ )। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय "आनंद सरोवर " बघेरा में संस्था के अंतराष्ट्रीय मुख्यालय माऊँट आबू से ललित भाई का आगमन हुआ जो कि संस्था के चार्टड अकाउंटेंट के साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। संस्था में विभिन्न पदों का निर्वहन कर रहे है। ब्रह्माकुमारीज मुख्यालय में वे 1997 से समर्पित रूप से सेवाएँ दे रहे हैं । एक दिवसीय प्रवास पर दुर्ग में व्याख्यान हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि तीर्थ स्थान पर जाते हैं तो भाग्य तीर्थ स्थान का बनता है कि तीर्थ यात्री का ? तो हम बहुत भाग्यशाली हैं और आप भी जो " आनंद सरोवर " के इस तीर्थ स्थान पर आये हैं । मेरे जीवन का एक ही लक्ष्य था परमात्मा का साक्षात्कार करना है जो कि ब्रह्माकुमारीज में आने के पश्चात् पूर्ण हो गया । एक छोटे से गांव से आये हुए मुझ जैसे सामान्य बालक को परमात्मा ने अपने श्रेष्ठ कार्य में सहयोगी बनाकर ऊँचे शिखर में सुशोभित कर दिया ।
इसका महत्वपूर्ण कारण है जिस परमात्मा ने मेरा हाथ पकड़ा है उस पर संपूर्ण निश्चय अन्तिम घड़ी तक भगवान हमारे निश्चय की परीक्षा लेता है । हमारा निश्चय और भगवान की याद हर कार्य में सफलता दिलाता है । मनुष्य को कोई कार्य बोलोगे तो उन्हें याद दिलाना पड़ता है भगवान को याद नहीं दिलाना पड़ता है । जहाँ भगवान पर निश्चय है वहाँ विजय है जहाँ संशय है वहाँ भगवान नहीं है।जो अन्नय भाव से भगवान को याद करता है वहाँ उनके सब कार्य की जिम्मेदारी भगवान ले लेता है । हज़ार हाथ का भगवान सिर्फ हम बच्चे महसूस कर सकते हैं दुनियाँ वालों को पता भी नहीं चलता । जब हम राजयोग का अभ्यास करते हैं तो व्यर्थ और नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाता है । ब्रह्माकुमारीज दुर्ग की संचालिका रीटा बहन ने ललित भाई का स्वागत करते हुए कहा कि हम सभी का परम सौभाग्य है कि आपके आगमन से सभी अभिभूत है। मंच संचालन रुपाली बहन ने किया।
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