छत्तीसगढ़ राज्योत्सव पर लोक कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर का सम्मान किया
छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के अवसर पर कला संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर को सम्मानित किया गया
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2024 के अवसर पर लोककला के संरक्षण संवर्धन तथा छत्तीसगढ़ के पारंपरिक लोकगीत नृत्य को मूल स्वरूप में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुति के लिए छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ लोक कलाकार डॉ.पुरुषोत्तम चंद्राकर को सम्मानित किया गया।
डॉ.पुरुषोत्तम चंद्राकर द्वारा "लोक रंजनी" लोककला सांस्कृतिक मंच रायपुर के माध्यम से छत्तीसगढ़ के विलुप्त हो रहे वाद्य यंत्रों के अध्ययन पर संस्कृति विभाग नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2011 में जूनियर फैलोशिप सम्मान से सम्मानित किया गया।
आपके मंच के माध्यम से छत्तीसगढ़ के विभिन्न पारंपरिक लोकगीत नृत्य सुवा, कर्मा, ददरिया, पंथी, भरथरी, भोजली, राउत नाचा, डंडा नृत्य, गेड़ी नृत्य, ककसार, मांदरी नृत्य, लोक थिएटर नाटक की प्रस्तुति देश भर के लोक महोत्सव एवं विभिन्न उत्सव में बहुत ही मनोहारी ढंग से प्रस्तुति दिए हैं।
श्री चंद्राकर के सम्मानित होने पर इस उपलब्धि के लिए छत्तीसगढ़ के कला जगत के अनेकों लोगों ने बधाई दी।
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