दुर्ग। श्री बाबा रामदेव मंदिर समिति गंजपारा द्वारा द्वारा स्वर्ण जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य पर आयोजित बाबा रामदेव की कथा में वृंदावन से आये प्रसिद्ध कथावाचक श्याम देव शास्त्री जी ने बाबा रामदेव महाराज द्वारा दिए गए पर्चों बारे विस्तार से कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि व्यापारी लाखा बंजारा बैल गाडिय़ों में मिश्री भरकर पोखरण की ओर जा रहा था। तभी रास्ते में उसकी भेंट घोड़े पर रहे भगवान रामदेव से हुई उन्होंने पूछा गाडिय़ों में क्या है तब लाखा ने कहा बाबा जी नमक भरा है तो रामदेव जी ने कहा जैसी तेरी भावना।
यह कहते ही गाडिय़ों की सारी मिश्री नमक बन गई। तब लाखा बंजारे को अपने झूठ पर पश्चाताप हुआ उसने श्री रामदेव से माफी मांगी तब उन्होंने नमक को मिश्री बना दिया। बोहिता राजसेठ की नाव को समुद्र के तूफान से निकालकर किनारे लगाया। स्वार कीया भगवान रामदेव का सखा था उसकी मृत्यु सर्प के डसने से हो गई तब श्री रामदेव जी ने उसका नाम पुकारा वह तुरंत ही उठकर बैठ गया। दला सेठ निसंतान था साधू संतों की सेवा उसका नित्य काम था भगवान श्री रामदेव की कृपा से उसे पुत्र प्राप्त हुआ उसने रूढि़चा में अपने बच्चे के साथ पैदल यात्रा की। रास्ते में उसे लुटेरों ने मार दिया, सिर धड़ से अलग कर दिया भगवान श्री रामदेव की कृपा से पुन: उसका सिर धड़ से जुड़ गया । भगवान रामदेव कलयुग के अवतारी हैं। शेष शैय्या पर विराजमान महाशक्ति विष्णु का अवतार है। जिस प्रकार भगवान कृष्ण भगवान और राम का अवतार हुआ था। उसी शक्ति ने कलयुग में अवतार भगवान रामदेव के रुप में लिया था। उन्होंने अंधों को आंखें दी कोढ़ियों का कोढ़ ठीक किया, लंगड़ों को चलाया।
आज की कथा में चैनसुख भट्टड़, रमेश राठी, मुरारी भूतड़ा, कृष्णकांत दुबे, राकेश दुबे, रणछोर भूतड़ा, कृष्ण कुमार टावरी, महेश टावरी, रामदेव टावरी, अनिल केला, शिव पालीवाल, अनिल राठी, संतोष यादव, संतोष चांडक, कोमलचन्द राठी गोविंद गुप्ता, गुड्डू कश्यप, किशोर बुबजी लोकेश भूतड़ा नवयुवक मंडल अध्यक्ष नीतू गांधी महिला मंडल अध्यक्ष, मुकेश राठी शरद भूतड़ा तरुण राठी सूरज राठी राहुल राठी एवं सैकड़ों धर्मप्रेमी उपस्थित थे।
संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved
Powered By Global Infotech.