शिमला। हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार से बगावत करने वाले कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों की पेंशन पर संकट मंडरा रहा है। मंगलवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में कांग्रेस सरकार, पूर्व विधायक पेंशन संशोधन विधेयक लाने जा रही है। तीन निर्दलीय विधायकों तथा छह पूर्व कांग्रेस विधायकों की इस टर्म की पेंशन पर भी तलवार लटक सकती है। इसे लेकर सरकार जल्द अंतिम निर्णय लेगी। नालागढ़ से केएल ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा निर्दलीय चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। इनमें से आशीष शर्मा उप चुनाव में जीते है, जबकि केएल ठाकुर और होशियार सिंह उप चुनाव हार गए हैं।
सूत्र बताते हैं कि इस बारे में रविवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में भी चर्चा हुई है। अब विधानसभा में संशोधन विधेयक लाकर सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। ऐसा हुआ तो गगरेट के पूर्व विधायक चौतन्य शर्मा और कुटलैहड़ के पूर्व विधायकों देवेंद्र कुमार भुट्टो को सबसे बड़ा झटका होगा, क्योंकि दोनों पहली बार चुन कर विधानसभा पहुंचे थे। इससे दोनों की पूरे जीवन भर के लिए 90 हजार रुपए से ज्यादा की पेंशन मिलने वाली थी।
कांग्रेस के इन छह विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने किया था निष्कासित वहीं धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति से पूर्व विधायक रवि ठाकुर और बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल की इस टर्म की पेंशन रुक जाएगी। सुधीर शर्मा को उनके चार टर्म, लखनपाल को तीन टर्म और राजेंद्र राणा को दो टर्म की पेंशन मिलती रहेगी। संभव है कि कांग्रेस के पूर्व विधायकों के साथ-साथ तीन निर्दलीय की भी पेंशन बंद की जा सकती है।
विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इसे आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी।
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