मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रीमती वीणा सिंह के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की

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-टीबी रोग के प्रतिदिन 6 हजार लोग बन रहे हैं शिकार- डॉ शुक्ला
दक्षिणापथ, दुर्ग।
विश्व क्षय दिवस पर 24 मार्च को जिला स्वास्थ्य समिति (उप समिति क्षय) द्वारा क्षय रोग (टीबी) की मुक्ति के लिए जिले में जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा टीबी रोग के लक्षण, बचाव के उपाय, दवाइयां व इलाज के विधियों से लोगों को अवगत कराया जाएगा। जिसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। जिसके अंतर्गत 23 व 24 मार्च को प्रचार रथ जिले का भ्रमण करेगी। 22 मार्च को यूपीएससी सुपेला में डाक्टरों द्वारा कार्यशाला में रोग के संबंध में चर्चा की जाएगी। 22 व 23 मार्च को धमधा व पाटन में विश्व क्षय दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजित किए जाएंगे, वहीं 24 मार्च को शंकराचार्य हॉस्पिटल जुनवानी से रैली निकालकर टीबी रोग को लेकर जन जागरूकता फैलाई जाएगी।
यह बातें जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ठाकुर और जिला क्षय अधिकारी डॉ अनिल शुक्ला ने शनिवार को मीडिया से संयुक्त चर्चा में कही। इस दौरान जिला क्षय विभाग की डॉ नीलिमा सुलेमान भी मौजूद थी। चर्चा में जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि टीबी रोग पहले जानलेवा बीमारी हुआ करती थी। इलाज में वर्षों लग जाते थे, बावजूद मरीज बच नहीं पाता था। लेकिन वर्तमान में टीवी रोगियों की जांच के लिए नई विधि व नई डांटस दवाइयां आ गई है। जिसके नियमित सेवन से रोगियों को टीबी से आसानी से छुटकारा मिल रहा है। डॉ ठाकुर ने बताया कि टीबी रोग से मुक्ति के लिए स्वास्थ विभाग द्वारा छेड़े गए विशेष अभियान के तहत संदेहियो की टीबी रोग की जांच की जाएगी। पाजिटिव मिलने की स्थिति में रोगियों को इलाज का पूरा कोर्स करवाया जाएगा। जिला क्षय अधिकारी डॉ अनिल शुक्ला ने बताया कि देश में टीबी रोग से प्रतिदिन 6 हजार लोग संक्रमित हो रहें हैं। टीबी प्रतिदिन 6 सौ लोगों की मृत्यु का कारण भी बन रही है। आंकड़े के मुताबिक प्रति 5 मिनट में टीबी रोग 2 लोगों की जान ले रही है। यह आंकड़े टीबी रोग के खतरे का अलार्म है। इस रोग का समय रहते पहचान करना जरूरी है। जिसके लिए जिले में जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जिसके तहत टीबी रोग के लक्षण एवं उसके बचाव के उपाय से लोगों को अवगत कराया जाएगा, ताकि छत्तीसगढ़ राज्य 2023 तक टीबी रोग से मुक्त हो सके। डॉ शुक्ला ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को 2 सप्ताह से ज्यादा खांसी, शाम के समय में लगातार बुखार, रात में पसीना आना, भूख ना लगना, वजन में कमी, छाती में दर्द, बलगम साथ खून आना की शिकायतें हैं। तो यह टीबी रोग के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे व्यक्ति को इसकी तत्काल जांच करवानी चाहिए। टीबी रोग की जांच व इलाज शासकीय अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार राहुल थिटे ने टीबी रोग के अभियान को लेकर अधिकारियों को सुझाव देते हुए कहा कि टीबी रोग से पीडि़त लोग अपनी पहचान छिपाते हैं। जिससे वे लोग इलाज के लिए खुलकर सामने नहीं आते हैं। ऐसे लोगों के लिए अस्पतालों में विशेष व्यवस्था करने की आवश्यकता है, ताकि उन्हें समय पर इलाज मुहैया करवाया जा सके।