लेमनग्रास के साथ-साथ पीपरमेंट की खेती को बढ़ावा दें: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

लेमनग्रास के साथ-साथ पीपरमेंट की खेती को बढ़ावा दें: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
- पुलिस का दावा है कि दरभा का इलाका वर्ष 2022 में नक्सल मुक्त हो जायेगा - आत्मसमर्पित तथा नक्सल पीडि़त परिवारों के आवास परिसर का लोकार्पण मुख्यमंत्री 26 जनवरी 2022 को करेंगे दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पुलिस के लोन वर्राटू यानी घर वापस आइए अभियान वर्ष 2020 में शुरू किया गया, इस अभियान के तहत अब तक 480 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। अब तक जिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया हैं, उनमें 416 पुरुष हैं तो वहीं 64 महिला है। इनमें से 02 करोड़ 05 लाख रुपए के कुल 120 इनामी नक्सली भी शामिल हैं। नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा देश का पहला ऐसा जिला है, जहां पुलिस के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे किसी अभियान के तहत इतनी बड़ी सफलता मिली हो। उल्लेखनिय है कि बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों की पूर्वी बस्तर डिवीजन, माड़ डिवीजन, पश्चिमी बस्तर डिवीजन, उत्तर बस्तर डिवीजन और दरभा डिवीजन मिलाकर नक्सलियों की 05 सबसे मजबूत कमेटी हैं। इनमें से दरभा डिवीजन के अंतर्गत कांगेर वैली, कटेकल्याण और मलांगिर एरिया कमेटी आती है। पिछले कुछ वर्षों में पुलिस ने इन्हीं इलाके में सबसे ज्यादा मुठभेड़ किए हैं। साथ ही कई नक्सलियों ने दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में आत्मसमर्पण भी किये हैं। पुलिस का दावा है कि नक्सलियों के इस डिवीजन में लगभग 200 से ज्यादा छोटे बड़े कैडर के नक्सली थे। बस्तर में नक्सलियों का सबसे मजबूत दरभा डिवीजन कमेटी लगभग खाली हो गया है जिनमें से वर्तमान में कुछ ही नक्सली बचे हैं। वर्ष 2022 में यह इलाका नक्सल मुक्त हो जायेगा। दंतेवाड़ा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस लाइन कारली में आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए शहीद महेंद्र कर्मा कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि 26 जनवरी 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस कॉलोनी का लोकार्पण करेंगे। इस कॉलोनी में आत्मसमर्पित नक्सलियों के साथ नक्सल पीडि़त परिवार भी रहेंगे। जहां आत्मसमर्पित तथा नक्सल पीडि़त परिवारों को एक ही परिसर में आवास और रोजगार की सुविधा उपलब्ध होगी।