नक्सली प्लाटून नम्बर 13 के डिप्टी कमाण्डर का ने किया समर्पण

नक्सली प्लाटून नम्बर 13 के डिप्टी कमाण्डर का ने किया समर्पण

_वैज्ञानिकों की सलाह के बाद भी प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर को किया नजरांदाज, उल्टे कोरोना पर काबू पाने के लिए प्रधानमंत्री की पीठ थप-थपा रहे थे भाजपाई
दक्षिणापथ, दुर्ग ।
युवा कांग्रेस नेता व मंत्री गुरु रुद्र कुमार के विधायक प्रतिनिधि जयंत देशमुख ने कहा है कि कांग्रेस और भाजपा के विजन का अंतर और उस अंतर का परिणाम अब कोरोना महामारी के बाद पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने फैसलों और सफल कार्यप्रणाली से जनता में विश्वास पैदा किया है। इस भरोसे को तोड़ने के लिए भाजपा के नेता अफवाह और भय का वातावरण निर्मित रहे हैं।
करोना संक्रमण के दूसरे दौर में देश की हालत चिंताजनक है। कोरोना के पहले और अब दूसरे दौर के समय भी केंद्र सरकार ने गैर जिम्मेदाराना ढंग से काम किया है। संक्रमण की शुरुआत में पीएम केयर्स फंड बनाकर राशि एकत्रित की गई, लेकिन इस राशि का कोरोना से लड़ने की तैयारी करने में कोई समुचित उपयोग नहीं किया गया। आज देश भर में ऑक्सिजन को लेकर हाहाकर मचा हुआ है, सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र की भाजपा सरकार को ऑक्सिजन की कमी से होने वाले मौत के लिए जिम्मेदार बताया है।
सत्तर वर्षों के सार्थक सोच वाली हमारी कांग्रेस सरकारों की बदौलत आज भारत विश्व में टीकों का सबसे बड़ा निर्माता है। जनवरी 2021 और मार्च 2021 के बीच, केंद्र की भाजपा सरकार ने दुनिया भर के देशों को टीकों की 6 करोड़ खुराकों का निर्यात किया। नेपाल, मॉरीशस से लेकर कई अन्य राष्ट्रों को लाखों खुराकें मुफ्त भेंट की गई। इसी अवधि के दौरान भारतीय नागरिकों को टीकों की केवल 3 से 4 करोड़ खुराकें ही दिलाई गई। लेकिन भाजपाई अपनी सरकार से इसे लेकर सवाल पुछने के बजाए, राजनीति कर छ.ग. सरकार के द्वारा बनाई जा रही व्यवस्थाओं को खराब करने में लगे हुए है।

विदेशों को 6 करोड़ से ज्यादा डोज किया दान, यहां
हमारी सरकार के द्वारा खुद के खर्च पर 18-44 वर्ष आयु समूह के लोगों के टीकाकरण किया जा रहा है। लेकिन पर्याप्त संसाधन होने के बावजूद हमें हमारी मांग के अनुसार वैक्सिन कंपनियों के द्वारा खुराक उप्लब्ध नहीं कराये जा रहे। केंद्र सरकार ने टीका उत्सव नाम देकर इस वैक्सिनेशन कार्यक्रम की शुरुआत तो कर दी। लेकिन राज्यों के पर्याप्त मात्रा में टीका उप्लब्ध कराने की कोई कार्य योजना नहीं बनाई। ऐसे में भीड़ और अव्यव्स्था से आम लोगों को बचाने के लिए बनायी गयी योजना को भी, गलत तरिके से जनता के सामने पेश कर उन्हें भी बरगलाया जा रहा है और भाजपाई वैक्सिनेशन के इस अभीयान में राज्य सरकार सहयोग करने को बजाए, घर वैठकर सस्ती राजनीति कर रहे है।
वैक्सिन की कीमत में अंतर क्यों
एक देश, एक पार्टी, एक नेता' का नारा भाजपा हमेशा लगाती रहती है, लेकिन जिंदगी बचाने के लिए उनके पास टीके की एक कीमत नहीं है। हर भारतीय को उम्र, जाति, नस्ल, निवास स्थान से परे मुफ्त में टीके की जरूरत है। लेकिन भारत दुनिया के एक मात्र ऐसा देश बन गया हैं, जहां प्रांतीय सरकारों को वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से सीधी ख़रीद करने के लिए इजाजत दी गई है। यह फैसला ही केंद्र की भाजपा सरकार की कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बनाए जा रहे रणनीति की पोल खोलती है और भाजपाईयों की आपदा को कैसे अवसर बनाने की आदत को भी दिखाती है। जिस वैक्सिन को राज्य सरकारें मजबूरन 600 रूपए प्रति डोज के हिसाब से खरीद रही है, वही डोज केंद्र सरकार को मात्र 150 रूपए में मिल रही है। ऊपर से केंद्र की भाजपा सरकार इन वैक्सिन पर 5 फीसदी जीएसटी भी वसूल रही है।
कोरोना को लेकर केंद्र सरकार में नीतियों से लेकर, दुर्दशिता की कमी
इंण्डियन मेडिकल काउंसिल के द्वारा कोरोना की दूसरी लहर को लेकर केंद्र सरकर को बार-बार चेताये जाने के बावजूद, इस ओर भाजपा सरकार ने ध्यान नहीं दिया गया। उल्टे भाजपाई कोरोना पर जीत की खुशियां मनाने लगे और प्रधानमंत्री को इस जीत का नायक बताने लगे। जहां देश भर में ऑक्सिजन की कमी से हजारों लोगों की मौत हो रही है। केंद्र की भाजपा सरकार ने पीएम केयर्स फंड से एक साल पहले देश भर में 512 जिलों में ऑक्सिजन प्लांट लगाने की घोषणा की थी, लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार के द्वारा कोई भी फंड जारी नहीं किया गया। फलस्वरूप हज़ारो लोगो की तड़प तड़प कर इलाज के आभाव से मौत हो गयी।
ऑक्सिजन के साथ-साथ रेमडिसिवर इंजेक्शन की कमी के कारण भी लोगों को अपनों को गवाना पड़ा। लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा पिछले 6 महीनों में 10.1 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन निर्यात किया था,साथ ही देश के लोगों को मरता हुआ छोड़ 6 करोड़ वैक्सिन के डोज को दूसरे देशों को दान कर दिया गया है। ऐसे समय में जब देश में हजारों लोगों की मौत हो रही थी, तब मोदी सरकार विदेशों में अपनी छवी चमकाने के लिए मुप्त में वैक्सिन बांट रही थी। इस तरह की कार गुजारीयों से मोदी सरकार का दोहरा चाल चरित्र लोगों के सामने स्पष्ट रूप से आ गया है।
छत्तीसगढ़ के 11 में 9 सांसद भाजपा के हैं, जो देश की सर्वोच्च सदन में छत्तीसगढ़ की जनता द्वारा भेजे गए हैं। वह इस गंभीर समय मे लापता हो गए हैं, वे सिर्फ घरों मे छुपकर सोशल मीडिया के माध्यम से सिर्फ राजनीति कर रहे है। यदि भाजपाई राज्य सरकार के द्वारा वैक्सीन की कमी के चलते अपनायी गयी, स्पष्ट नीति से संतुष्ट नही हैं ,तो केंद्र की मोदी सरकार से पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध करवाने क्यों नही कहते। आपदा को राजनीति का अवसर मानकर जिस प्रकार भाजपाई अफवाह फैला कर विघ्न संतोषि बने हुए है, निश्चित ही प्रदेश की जनता उन्हें माफ नही करेगी।
अतः समय है राज्य शासन द्वारा कोरोना से लड़ने जन हित में किये फैसलों और नीतियों में सहयोग बनाएं , आरक्षण, जातिवाद, जैसे शब्द कांग्रेस सरकार की डिक्शनरी में नही है, टीकाकरण सभी का होगा, इस पर कोई आरक्षण नहीं है, जैसे राशन कार्ड हर वर्ग का बनाया गया और बिना भेदभाव राशन दिया जा रहा है , वैसे ही टीकाकरण भी प्रदेश के हर एक नागरीक को होगा। बस केंद्र सरकार टिके की उपलब्धता को लेकर और दाम को लेकर कोई स्पष्ट नीति बनाने की हिम्मत दिखाए।