बारदाने की भारी कमी, किसानों के खाते में छतिपूर्ति की राशि डालने में भेदभाव करने, खेत के घटे हुए रकबे की कमी को सुधारने सहित विभिन्न मुद्दों लेकर किसान मोर्चा ने मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन

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मिनी एमरजेंसी के समान है आयोजनों के लिए अनुमति लेने का नया नियम -विष्णुदेव साय  -प्रलोभन के बल पर खैरागढ़ उपचुनाव जीती कांग्रेस-सांसद सरोज दक्षिणापथ,दुर्ग । छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार द्वारा सार्वजनिक एवं निजी कार्यक्रमों के आयोजन के अनुमति के लिए जारी किए गए नए नियम को भाजपा ने काला कानून बताते हुए उसे मिनी एमरजेंसी की संज्ञा दी है। जिसके विरोध में भाजपा ने सड़क की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है। इस कथित मिनी एमरजेंसी को वापस लेने भाजपा द्वारा राज्य सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया,साथ ही चेतावनी भरे लहेजे में कहा गया है कि काला कानून वापस नहीं लिया गया,तो भाजपा पूरे प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों में 16मई को धरना-प्रदर्शन कर जेल भरो आंदोलन करेगी। राज्य सरकार द्वारा लोकतंत्र के अधिकारों के हनन के खिलाफ आंदोलन में भाजपा ने कार्यकर्त्ताओं के अलावाआम जनता से शामिल होने की अपील की है। यह बातें छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने रविवार को दुर्ग भाजपा कार्यालय में मीडिया से चर्चा में कही। इस दौरान राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडेय,सांसद विजय बघेल,जिला भाजपा प्रभारी पूरेन्दर मिश्रा,पूर्व केबिनेट मंत्री रमशीला साहू, पूर्व संसदीय लाभचंद बाफना, प्रदेश भाजपा मंत्री उषा टावरी, पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर , प्रदेश महिला मोर्चा सदस्य माया बेेलचंदन,जिला भाजपा महामंत्री ललित चंद्राकर, नटवर ताम्रकार,जिला भाजपा मीडिया प्रभारी केएस चौहान एवं अन्य भाजपा नेता मौजूद थे। चर्चा में छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य के भूपेश बघेल सरकार ने अपने कार्यकाल के सवा तीन साल पूरे कर लिए है,लेकिन अब तक राज्य सरकार द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र के वादों को पूरा नहीं किया गया है। जिनमें शराबबंदी,बेरोजगारी भत्ता, नियमितिकरण एवं अन्य घोषणाएं शामिल है। जिससे लोगों में आक्रोश है। यह आक्रोश राज्य सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के रुप में नजर आ रहा है। राज्य सरकार लोगों के साथ न्याय करने के बजाय उल्टा उनके लोकतंत्र के अधिकारों के हनन पर उतर आई है। इसका बड़ा प्रमाण राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक व निजी कार्यक्रमों के आयोजन के अनुमति के लिए जारी किए गए नए नियम है। श्री साय ने नए नियमों को काला कानून बताते हुए कहा कि यह मिनी एमेरेंजेसी के समान है। इन नए नियम के तहत आयोजनों की अनुमति के लिए 15 बिंदु का आवेदन देना होगा। 19 कंडिका का पालन करना होगा। इन नियमों का पालन करना किसी भी राजनीतिक,धार्मिक व सामाजिक संगठनों के लिए संभव नहीं हो पाएगा। जिससे  आयोजन की अनुमति नहीं मिल पाएगी ,लेकिन भाजपा द्वारा राज्य सरकार के इस काले कानून को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भाजपा द्वारा राज्य सरकार को काले कानून को वापस लेने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने एक सवाल के जवाब में कहा कि खैरागढ़ उप-चुनाव में भाजपा हारी नहीं है। कांग्रेस ने चुनाव में धन,बल व प्रलोभन का सहारा लिया। खैरागढ़-गंडई-छुईखदान को जिला बनाने मुख्यमंत्री को तीन साल ज्ञान नहीं आया।प्रत्याशी घोषित होने के बाद उन्होने जिला बनाने के ब्रम्हास्त्र का उपयोग किया। जिला बनाने के इस प्रलोभन के बल पर ही कांग्रेस चुनाव जीतने में सफल रही,लेकिन भाजपा के जनाधार को कांगे्स कम नहीं कर पाई । मीडिया से चर्चा के दौरान जिला भाजपा उपाध्यक्ष कांतिलाल बोथरा, अजय तिवारी, मंत्री दिनेश देवांगन,मनोज मिश्रा,गजेन्द्र यादव,दीपक चोपड़ा, सांसद प्रतिनिधि मनोज शर्मा, जिला भाजयुमो अध्यक्ष नितेश साहू, महामंत्री गौरव शर्मा, राजा महोबिया के अलावा अन्य कार्यकर्त्ता मौजूद थे।