भाजपा के भरोसे पर खरे उतरेंगे गजेंद्र यादव...!?

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- जानिए भाजपा प्रत्यासी गजेंद्र यादव कौन है ...
दुर्ग। भाजपा ने दुर्ग शहरी सीट पर गजेंद्र यादव को प्रत्याशी बना कर पिछड़ा वर्ग कार्ड खेला है। वैसे भी दुर्ग शहरी सीट पर भाजपा सदा पिछड़े वर्ग के प्रत्याशी पर भरोसा करते आई है। स्वर्गीय हेमचंद यादव लगातार तीन बार विधायक चुने गए। उसके बाद भाजपा ने कुर्मी समाज से चंद्रिका चंद्राकर को पिछली बार उतारा था। हालांकि हेमचंद यादव के बाद भाजपा इस सीट पर वापसी नही कर पाई है। 2023 के इस चुनाव में यादव समाज से गजेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने की कोशिश की है। शहरी सीट पर देखें, तो पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। पिछले 54 सालो से कांग्रेस लगातार सवर्ण प्रत्याशी वोरा परिवार से उतारते आई है। किंतु भारतीय जनता पार्टी ने इस बार भी पिछड़ा वर्ग के गजेंद्र यादव को उतारकर अपनी परिपाटी जारी रखी है। गजेंद्र यादव यंग है, और यंग मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करेंगे। स्काउट गाइड संघ से जुड़े होने के चलते युवा मतदाताओं के बीच उनकी अच्छी साख है।शाखा की पृष्ठभूमि से जुड़े होने के कारण सवर्ण समाज का भी उन्हें साथ मिलेगा। आरएसएस के कार्यकर्ता शहर के कोने-कोने में जाकर पिछड़े वर्ग व सवर्ण वर्ग सहित अन्य सभी मतदाताओं को उनके पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करेंगे । आरएसएस से जुड़े कई वरिष्ठ मतदातागण भाजपा के युवा चेहरे गजेंद्र यादव के पक्ष में भरपूर लॉबिंग शुरू कर दिए हैं।
- ये हैं भाजपा प्रत्याशी जिन पर पार्टी ने की भरोसा...
 दुर्ग शहर में भाजपा ने गजेन्द्र यादव पर विश्वास जताते हुए उन्हे अपना प्रत्याशी घोषित किया है। 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में गजेंद्र यादव दुर्ग शहरी सीट पर सशक्त उम्मीदवारी पेश कर रहे है। इसके पहले वे राज्य के मुख्य आयुक्त स्काऊट गाइड के रूप में छग को नई पहचान दिलाने पर सुर्खियों में आए थे। उनके नाम अविभाजित मध्यप्रदेश में सबसे कम उम्र के पार्षद होने का रिकार्ड भी है। दुर्ग का कचहरी वार्ड उनका जन्म व कर्म स्थान है। मुकुंद भवन के पास उनका बचपना गुजरा है। उनकी प्राथमिक शिक्षा मारवाड़ी विद्यालय में हुई। मिडिल व हायर सेकेंडरी मल्टीपरपस स्कूल में पढ़ा। स्नाकोत्तर की शिक्षा साइंस कॉलेज दुर्ग से पूरी की।  भिलाई में फिटर ट्रेड से उन्होंने आईटीआई भी किया है।    
बता दे कि  विधान सभा चुनाव में इस बार दुर्ग शहर में भाजपा ने गजेन्द्र यादव पर विश्वास जताया है । वैसे तो श्री यादव ने राजनीति में आने के कुछ ही अरसे बाद महज 21 वर्ष की आयु मे अविभाजित मध्यप्रदेश के सबसे कम उम्र का पार्षद निर्वाचित होने रिकार्ड बनाया, और शहर की जनता का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया । 
 राज्य मुख्य आयुक्त स्काऊट गाइड के रूप में उकृष्ट कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ को देश में नई पहचान दिलाने के साथ राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर तब सुर्खियों में आए,  वे महज 35 वर्ष की आयु में देश के सबसे कम उम्र के स्काऊट गाइड के राज्य मुख्य आयुक्त बने। राज्य मुख्य आयुक्त के रूप में उनके कार्यों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तारीफ हुई । यही नहीं, बल्कि राज्य मुख्य आयुक्त के रूप में उनकी बेहतरीन भूमिका के मद्देनजर स्काऊट गाइड में वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने छत्तीसगढ़ प्रदेश को स्काऊट गाइड का सर्वोच्च सम्मान दिया।
 -छात्र जीवन से शुरु हुई राजनीतिक सफर
श्री यादव ने वर्ष 1996 में साईंस कालेज दुर्ग में बीएससी की पढ़ाई के दौरान अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत किया। पूर्व सांसद स्व ताराचंद साहू के लोकसभा चुनाव 1998 में भाजपा कार्यकर्ता के रूप में जमीनी स्तर पर सक्रिय रूप से कार्य किया । उनकी सक्रियता को देखते हुए भाजपा ने उन्हें वार्ड अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। अध्यक्ष के रूप में वर्ष 1998 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी रहे हेमचंद यादव के लिए बढ़िया काम किया।
-पांच बार के पार्षद व पूर्व महापौर को हराकर आए चर्चे में
 भाजपा ने वर्ष 1999 में दुर्ग नगर निगम चुनाव में उन्हें कचहरी वार्ड से प्रत्याशी बनाया । *इस चुनाव में गजेन्द्र ने पांच बार के पार्षद व पूर्व उपमहापौर रहे खेमलाल सिन्हा को हराकर पार्षद निर्वाचित हुए। यहां से वे वर्ष 2005 तक पार्षद रहे। राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद तत्कालीन शिक्षामंत्री मेघाराम साहू ने  वर्ष 2005 में श्री यादव को स्काऊट गाइड का राज्य सचिव नियुक्त किया। पार्टी ने उन्हें वर्ष 2009 में भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी दी ।
-राज्य मुख्य आयुक्त के रूप में छोड़ी अमिट छाप
गजेन्द्र यादव वर्ष 2015 में स्काऊट गाइड के राज्य आयुक्त नियुक्त किए गए। उनके नेतृत्व में छग राज्य स्काऊट गाइड ने पर्यावरण, कला, संस्कृति, यातायात जागरूकता, सामाजिक उत्तरदायित्व के कार्य करते महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हुए अमिट छाप छोड़ी। पर्यावरण के क्षेत्र में जिले के ग्राम कोड़िया देऊरझाल में पूर्व मुख्य मंत्री रमन सिंह के मुख्य आतिथ्य में 1 लाख 53 हजार पौधे रोपे गए, जो आज पेड़़ का आकार लेकर क्षेत्र को एक मनोरम प्राकृतिक स्थल बना चुका है । इसके फलस्वरूप देऊरझाल के इस क्षेत्र को मानव निर्मित जंगल के रूप में नई पहचान मिली।
इसी प्रकार यातायात सुरक्षा जागरूकता की दृष्टि से 10 हजार 622 बच्चों को प्रशिक्षित किया गया। जो एक अनूठा मिसाल बना। राज्य स्काऊट गाइड की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्ल्ड एसोसिएशन आफ गाईड गर्ल स्काऊट ने तारीफ की।
-23 हजार बच्चों ने कर्मा नृत्य कर बनाया वर्ल्ड रिकार्ड
 स्काऊट गाइड का सर्वोच्च संगम  ‘जंबूरी’ का आयोजन भी गजेन्द्र के नेतृत्व में बस्तर के झीरम घाटी के पास हुआ। जहां से स्काऊट गाइड पूरे देश में शांति का संदेश लेकर गया।
दूसरा जंबूरी सूरजपुर जिले के दतिमा में आयोजित कर स्वच्छ भारत अभियान में उल्लेखनीय कार्य किया।
वहीं राजनंदगांव के सोमनी में आयोजित जंबूरी में भारत के सभी राज्यों के अलावा भूटान के बच्चे भी शामिल हुए। इस जंबूरी में छग के सरगुजा से लेकर बस्तर तक किए जाने वाले कर्मा लोकनृत्य की  23 हजार बच्चों ने एक साथ प्रस्तुती देकर गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज किया। इससे कर्मा की गूंज देश के साथ विदेशों तक पहुंची। भूटान नरेश के जन्मदिन पर फोर्सलिंग शहर में राजकीय उत्सव में कर्मा नृत्य की प्रस्तुती दी गई । इससे अभिभूत होकर भूटान सरकार ने गजेन्द्र यादव को परिवार सहित राज्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया।
-गरीब बच्चो तक पहुंचाया शिक्षा का अधिकार
गजेन्द्र के नेतृत्व में दुर्ग में पहली बार आरटीई के तहत पढ़ाई करने वाले बच्चों के माता पिता एवं इसके तहत पढ़ाने वाले सभी अशासकीय स्कूलों का समागम पूर्व मुख्यमंत्री रमनसिंह के मुख्य आतिथ्य में हुआ।  जहां इनसे जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई और समय पर स्कूलों को इसका पैसा मिलने से वे भी आरटीई में रुचि लेने लगे । इसके तहत हजारों बच्चों को आज भी लाभ मिल रहा है।
-पिछड़ा वर्ग को किया एकजुट
अरुण साव के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद श्री यादव को उन्होंने भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष का दायित्व सौंपा। बहुत कम समय में  पिछड़ा वर्ग के विभिन्न समुदायों की समस्याओं की ओर गजेन्द्र ने पार्टी का ध्यान आकृष्ट कराया। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर पिछड़ा वर्ग मोर्चा का उन्होंने समागम आयोजित किया। पहली बार दुर्ग में इस आयोजन के माध्यम से सभी समाज के लोगों को एकजुट करने का प्रयास उन्होंने किया।
-छग में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को खड़ा करने में पिता बिसराराम की अहम भूमिका
गजेन्द्र के पिता बिसरा राम यादव की छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्ष 1969 में बिसराराम ने दुर्ग नगर में संघ के शाखा की शुरुआत की। जहां से दुर्ग नगर कार्यवाह, जिला कार्यवाह  फिर दुर्ग संभाग कार्यवाह बने । छग के वे पहले प्रांत कार्यवाहक एवं मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ संयुक्त क्षेत्र कार्यवाहक भी रहे। तत्पश्चात बिसराराम यादव छग के प्रांत संचालक बने।  वे 50 वर्षों से अधिक समय से संघ में निरंतर कार्य करते आ रहे हैं ।
गजेन्द्र भी पिता के सानिध्य में बाल्यकाल से संघ के स्वयं सेवक के रूप में कार्य करने लगे । तिलक प्राथमिक शाला में लगने वाले शाखा के स्वयं सेवक रहे।