उत्तरी छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का रास्ता रोके खड़े हैं एसएसपी शशिमोहन सिंह

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दुर्ग। लोकसभा चुनाव में बस्तर और जशपुर इलाके में नक्सली विघ्न डालने का प्रयास कर सकते हैं। वैसे भी छत्तीसगढ़ में जब से भाजपा की सरकार आई है नक्सलियों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया था। नक्सली हमलों में कई जवान शाहिद हो गए। सरकारी कार्यों में लगे मशीनों को आग के हवाले किया। और इसी तरह के कई वारदात कर नक्सलियों ने सरकार को चेतावनी दिया कि उन्हे अभी भी कम नहीं समझा जाए।
सर्वाधिक चिंताजनक बात उत्तर छत्तीसगढ़ से आई है। वहां नक्सलियों को खदेड़ा जा चुका था। किंतु पिछले दिनों जशपुर पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह की टीम ने जेजेएमपी के एरिया कमांडर टुनेश लकड़ा व उसके कुछ नक्सली साथियों को पकड़ा। उक्त नक्सली आगामी लोकसभा चुनाव में विघ्न डालने के लिए अपने संपर्कों को एक्टिव कर रहे थे। इसके बाद जशपुर पुलिस के कान खड़े हो गए । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह स्वयं मैदान में उतर आए।  शशिमोहन की अगुवाई में पुलिस टीम ने 14 नक्सली संदिग्ध गांवों में जोरदार सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस की सक्रियता देखकर नक्सलियों के स्थानीय पैरोकार दुबक जाने मजबूर हो गए। एसएसपी शशिमोहन ने कई संवेदनशील मतदान केदो का निरीक्षण किया, और आमजनों को विश्वास दिलाया के चुनाव में बेफिक्री से मतदात करें। उनकी सुरक्षा में कोई आंच नहीं आने दी जाएगी।  जशपुर पुलिस किसी भी हाल में नक्सलियों की आमद रोकने मुस्तैद है। 

आपको पता है, छत्तीसगढ़ अभी नक्सलियों से आर–पार की लड़ाई की स्टेज में है। पूरे देश में पहले 200 जिले नक्सली प्रभावित थे, जो अब 62 पर आ गया है। अकादमिक शिक्षाविद भरत  सिंह कहते हैं कि नक्सल रेड कारीडोर को तोड़ने शशिमोहन जैसे पुलिस अधिकारी शिद्दत से लड़ाई लड़ रहे हैं। खासकर जशपुर जिले में नक्सल नेटवर्क पुनः एक्टिव करने के प्रयास को गंभीरता से लिया जा रहा है। 
बताते चलें, कि जशपुर एसएसपी शशिमोहन सिंह इसी भिलाई के पले –बढ़े एवम यहीं के निवासी है। इसके पूर्व दुर्ग में तैनाती के दौरान अतिक्रमणकारियों के खिलाफ उन्होंने जोरदार अभियान चलाया था। आज इंदिरा मार्केट की सड़के चौड़ी दिखती हैं तो यह उन्ही की देन है।
 बहरहाल, छत्तीसगढ़ राज्य नक्सलवाद की दंश से बाहर निकलने बेकरार है। बस्तर में नक्सली घटनाओं में 70% तक कमी आई है। बस्तर आने वाले पर्यटकों में 80% तक इजाफा हुआ है। यह सरकार की इच्छा शक्ति, सुरक्षा बलो के बलिदान और लोकतंत्र के प्रति जनास्था के सम्मिलित प्रयासों का परिणाम है। जशपुर इलाके में नक्सली आहट का छत्तीसगढ़ पुलिस मुंहतोड़ जवाब दे रही है। शशिमोहन सिंह जैसे अफसर सुरक्षा बलो के साथ उत्तर छत्तीसगढ़ की सीमा पर दृढ़ता से खड़े हुए हैं। देश को तोड़ने का सपना देखने वाले नक्सली अपना बोरिया बिस्तर समेट रफूचक्कर हो जाने की फिराक में है। पिछले 60 सालों में इन नक्सलियों ने 50 हजार से ज्यादा लोगो को जान से मारा है, इनमे 15 हजार सुरक्षा बलो के हमारे जवान भी हैं। इतने सुरक्षा बलो की हत्या पाकिस्तान से लड़ाई में भी नही हुई थी।