दुर्ग। दुर्ग छत्तीसगढ़ की जैन तप साधिका श्रीमती किरण देवी संचेती द्वारा किए जा रहे 113 उपवास के उपलक्ष्य में जय आनंद मधुकर रतन भवन, बांधा तालाब दुर्ग में जैन समाज द्वारा भव्य तप अनुमोदना एवं सामायिक साधना कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में साध्वी मुमुक्षा श्री जी, साध्वी श्रद्धा श्री जी एवं साध्वी कीर्ति श्री जी के पावन सानिध्य में बड़ी संख्या में जैन समाजजन उपस्थित हुए तथा नवकार महामंत्र का सामूहिक जाप कर तपस्विनी की अनुमोदना की।
श्रमण संघ महिला मंडल एवं समरथ महिला मंडल द्वारा भक्ति गीतों के माध्यम से तपस्विनी का गरिमामय अभिनंदन किया गया।
साध्वी मुमुक्षा श्री जी का प्रेरक प्रवचन ...
धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी मुमुक्षा श्री जी ने कहा कि “हम इतनी विशाल तपस्या तो नहीं कर सकते, परंतु छोटे-छोटे त्याग और सदाचार से अपने मानव जीवन को सफल बनाया जा सकता है।”
उन्होंने बताया कि तपस्विनी किरण देवी संचेती की तपस्या के उपलक्ष्य में 1111 साधकों ने छोटे-छोटे व्रत एवं त्याग संकल्प लेकर इस आध्यात्मिक साधना में अपनी सहभागिता दर्ज की है।
धर्मसभा में बताए गए सात त्याग-संकल्प ..
साध्वी श्री ने सभा में उपस्थित जैन समाजजनों को आगामी दिन के लिए सात प्रमुख तप-संकल्प बताए, जिनका पालन करना है—
1. चार खन्ध त्याग
2. रात्रि भोजन त्याग / चोविहार का पालन
3. हरी सब्जी का त्याग
4. बड़ी स्नान का त्याग
5. ब्रह्मचर्य पालन
6. भोजन के दौरान—
खड़े होकर भोजन न करना
टीवी/मोबाइल देखते हुए भोजन न करना
हंसी-मजाक या स्वाद लेकर भोजन न करना
बड़बड़ाते हुए भोजन न करना
7. दिन होने से पूर्व ‘णमो सिद्धाणं’ की माला फेरने का संकल्प
तप साधिका का शोभायात्रा सहित सम्मान ...
तप साधिका श्रीमती किरण देवी संचेती को पालकी में बैठाकर बांधा तालाब परिसर स्थित प्रवचन सभा में लाया गया, जहां समाजजन ने उनका पारंपरिक रीति से स्वागत और अनुमोदन किया।
आचार्य एवं युवाचार्य का मंगल संदेश ..
ध्यानयोगी आचार्य सम्राट श्री शिव मुनि जी महाराज ने अपना मंगल संदेश भेजकर तपस्विनी का कुशलक्षेम पूछा एवं आगे की साधना में दृढ़ता की प्रेरणा दी।
युवाचार्य श्री महेंद्र ऋषि जी महाराज, मुंबई ने संदेश भेजकर श्रीमती किरण देवी संचेती को “तप रत्नेश्वरी” की उपाधि से अलंकृत किया।
कार्यक्रम स्थल पर यह घोषणा होते ही उपस्थित जनसमूह ने जय-जयकार के साथ हर्षोल्लास प्रकट किया।
पूरे कार्यक्रम का संचालन टीकम छाजेड़ एवं राकेश संचेती द्वारा किया गया।
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