राजनीति

2016 से अब तक 1.12 लाख से अधिक प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना स्वीकृत, लगभग 83 हजार मकानों का निर्माण पूर्ण

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-हजारों परिवारों को मिला नया पक्का घर
-सालों से टपकती छत से मिली मुक्ति
रायपुर।
खपरैल की छत, बारिश में टपकता पानी, सर्प-बिच्छुओं का खतरा और आर्थिक तंगी इन समस्याओं के बीच वर्षों तक ग्रामीण परिवार पक्के आवास का सपना संजोए बैठे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीबों को सुरक्षित और पक्का आवास प्रदान करने के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना लागू हुई, जिसने देशभर के लाखों परिवारों के जीवन में स्थायी परिवर्तन लाया है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस योजना को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अपने प्रथम कैबिनेट में ही 18 लाख प्रधानमंत्री आवासों को मंजूरी प्रदान की थी, जिसका क्रियान्वयन तेजी से प्रदेश में किया जा रहा है। 
-प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का तेजी से हो रहा क्रियान्वयन
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर रायपुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली 13,000 हितग्राहियों को नए घरों का गृह प्रवेश कराया। यह उन परिवारों के लिए वर्षों पुराने सपने के पूरे होने जैसा क्षण था, जो लगातार कच्चे मकान की दिक्कतों से जूझ रहे थे।  जशपुर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 2016 से वित्तीय वर्ष 2025- 26 तक 1 लाख 12 हज़ार 506 आवास स्वीकृत हुए, जिनमें से 82 हज़ार 881 मकान पूर्ण हो चुके हैं। इसी तरह वर्ष 2024 से वित्तीय वर्ष 2025- 26 तक स्वीकृत 50 हज़ार 722 आवासों में से 23 हज़ार 970 का निर्माण पूरा हो गया है। पीएम जनमन योजना के अंतर्गत 2 हज़ार 038 आवास स्वीकृत हुए, जिनमें से 984 मकान पूर्ण कर लिए गए हैं।
-गरीबों का सपना हो रहा सच, मिल रहा पक्का आवास
जशपुर जिले में निवासरत हजारों गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत पक्का मकान प्रदान किया गया है, जिससे वे सम्मानपूर्वक  और सुरिक्षत जीवन जी रहे हैं, इनमें से मनोरा विकासखंड के ग्राम बुमतेल के श्री लखन उरांव वर्षों तक कच्चे मकान में रहते थे। बरसात में छत से पानी टपकना, तेज हवा-ठंड में बच्चों को सुरक्षित रखना और बार-बार मरम्मत करवाना उनकी रोजमर्रा की समस्या थी। प्रधानमंत्री आवास योजना से मिला पक्का घर उनके लिए राहत की सांस लेकर आया। समय पर निर्माण पूरा होने के बाद आज उनका परिवार सुरक्षित, स्थायी और सम्मानजनक घर में रह रहा है। इसी तरह ग्राम बाधरकोना के मणिभूषण मिंज बताते हैं कि पक्का मकान मिलने से उनका जीवन पूरी तरह बदल गया। बरसात में दीवारें गीली होने का डर, छत से पानी टपकना और सांप-बिच्छुओं से खतरा अब नहीं रहा। अब उनका परिवार नए घर में सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी रहा है। 
-मकान नहीं, सुरक्षा और सम्मान की नई पहचान
पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं। कड़ाके की ठंड और विषैले जीवों के खतरे के बीच कच्चे घरों में रहना बेहद कठिन था। पक्का आवास मिलने के बाद इन परिवारों ने पहली बार सुरक्षित और स्थायी जीवन का अनुभव किया है,  इनमें से बगीचा विकासखंड के ग्राम पंड्रापाठ के पहारु राम को पीएम जनमन योजना के अंतर्गत आवास स्वीकृत हुआ। समय पर राशि और सामग्री मिलने से उनका घर शीघ्र तैयार हो गया। पहारु राम कहते हैं कि यह घर हमारे लिए जीवन की सबसे बड़ी खुशी है। अब मेरा परिवार मौसम की मार से सुरक्षित है। यह सिर्फ मकान नहीं, सुरक्षा और सम्मान की नई पहचान है।

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