दुर्ग। संविधान दिवस के अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग के नवीन सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा न्यायाधीशगण, अधिवक्ताओं एवं अभियोजन अधिकारियों की संयुक्त कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग ने की। कार्यशाला में न्यायिक प्रक्रिया की गुणवत्ता, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा तथा न्याय व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
-संविधान दिवस: नैतिक संकल्पों का पुनःस्मरण - न्यायाधीश
कार्यक्रम के प्रारंभ में तृतीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश ने कहा कि संविधान दिवस केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि न्याय प्रणाली के मूलभूत नैतिक संकल्पों को याद करने का अवसर है।
उन्होंने न्यायिक कार्य में तकनीक के उपयोग, पारदर्शिता, समयबद्धता, वकालत की गरिमा तथा न्यायालयीन आचरण को संवैधानिक नैतिकता का अनिवार्य हिस्सा बताया।
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-अधिवक्ता संविधान के प्रमुख संरक्षक - अधिवक्ता संघ अध्यक्ष
इसके बाद जिला अधिवक्ता संघ की अध्यक्ष सुश्री नीता जैन ने अपने संबोधन में कहा कि अधिवक्ता संविधान के संरक्षकों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने युवा अधिवक्ताओं से संविधान के सिद्धांतों की गहन समझ विकसित करने और वकालत के माध्यम से समाज में न्यायपूर्ण वातावरण निर्मित करने की अपील की।
उन्होंने न्यायपालिका और अधिवक्ताओं के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को न्याय व्यवस्था की मजबूती का आधार बताया।
-संविधान जीवंत मार्गदर्शक - प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश
अपने संबोधन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि भारत का संविधान न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों पर आधारित जीवंत दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया की सार्थकता तभी सिद्ध होती है जब संवैधानिक सिद्धांतों को व्यवहार में उतारा जाए और प्रत्येक नागरिक को त्वरित एवं प्रभावी न्याय मिले। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायालय, अधिवक्ता संघ और अभियोजन विभाग के बीच सहयोग और समन्वय से न्याय प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, संवेदनशील एवं कुशल बनाया जा सकता है।
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-विशेष आकर्षण: रंगोली और पेंटिंग्स का प्रदर्शन ..
कार्यक्रम में संविधान दिवस के महत्व को दर्शाती आकर्षक रंगोली बनाई गई थी। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरालीगल वालंटियर एवं केंद्रीय जेल दुर्ग के बंदियों द्वारा तैयार की गई पेंटिंग्स का भी प्रदर्शन किया गया, जिसने कार्यक्रम में विशेष आकर्षण जोड़ा। कार्यशाला का समापन संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक वाचन तथा संवैधानिक मूल्यों के पालन के संकल्प के साथ हुआ।
इस अवसर पर न्यायाधीशगण, जिला अधिवक्ता संघ एवं लीगल एड डिफेंस काउंसिल के अधिवक्तागण, अभियोजन अधिकारी, जिला न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के अधिकारी-कर्मचारी तथा पैरालीगल वालेंटियर बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। संविधान दिवस पर आयोजित यह कार्यशाला न्याय व्यवस्था में सामूहिक जिम्मेदारी और संवैधानिक मूल्यों के प्रति पुनः प्रतिबद्धता का प्रतीक बनी।
संपादक- पवन देवांगन
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