खैरागढ । इंस्टाग्राम पर साड़ी बेचने के नाम पर हुई मामूली ठगी की शिकायत ने छत्तीसगढ़ पुलिस को 50 करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड के बड़े गिरोह तक पहुंचा दिया। खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय की छात्रा वसुधा सिन्हा ने ऑनलाइन साड़ी खरीदते समय 64 हजार रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। शुरुआत में यह साधारण ऑनलाइन फ्रॉड का मामला लग रहा था, लेकिन खैरागढ़ साइबर सेल की गहन जांच ने पूरे प्रदेश को चौंका दिया। जांच में पता चला कि यह ठगी मुंबई के डोम्बिवली और कल्याण क्षेत्र में सक्रिय एक संगठित साइबर गैंग द्वारा की जा रही थी। ये आरोपी इंस्टाग्राम पर फर्जी साड़ी सेलिंग पेज बनाकर लोगों से ठगी करते थे और 100 बुक नाम के ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग ऐप के जरिए अवैध धन का लेन-देन भी करते थे। पुलिस को आरोपियों के खातों और मोबाइल नंबरों की जांच में 100 से अधिक फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का नेटवर्क मिला, जिनसे करीब 50 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था। गिरोह को पकडऩे के लिए खैरागढ़ पुलिस की टीम ने सात दिनों तक मुंबई में गुप्त रूप से काम किया। खुद को डिलीवरी ब्वॉय बताकर रेकी करने के बाद, पुलिस ने डोम्बिवली के दो फ्लैटों पर एक साथ छापा मारकर आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में गौतम पंजाबी, पवन सुरूसे, विनायक मोरे, अमित मोरे, रामचंद्र चौके, अमोल दिवनाने, अभिषेक डंबडे और मनोज मुखिया शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से 5 लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, 51 बैंक पासबुक, 51 एटीएम कार्ड, 15 चेकबुक और 25 सिम कार्ड बरामद किए। राजनांदगांव रेंज के आईजी अभिषेक शांडिल्य ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ संगठित अपराध और जुआ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस अब गिरोह के बाकी सदस्यों और उनके नेटवर्क की कडिय़ां जोडऩे में जुटी है। खैरागढ़ पुलिस की इस सफलता ने एक बार फिर साबित किया है कि साइबर अपराधी चाहे देश के किसी भी हिस्से में हों, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते।
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