- परिवहन विभाग ने जारी की एडवाइजरी
रायपुर । देश में साइबर फ्रॉड का मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। सायबर ठग बैंक के ऐप को अपडेट करने,ई चालान की जानकारी देने जैसे अनेक महत्वपूर्ण कारणों से व्हॉटसएप या मैसेज कर लोगों को आसानी से अपना निशाना बना रहे है। ऐसा ही दो मामलों में ठगों ने राजधानी के एक रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर व एक महिला से लगभग 6 लाख रूपये की ठगी कर ली। रायपुर पुलिस मामले की जांच कर रही है। ई-चालान के नाम पर हो रही ठगी को लेकर अब परिवहन विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है।राजधानी रायपुर के एक रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर के साथ साइबर फ्रॉड का मामला प्रकाश में आया है। योनो एसबीआई ऐप अपडेट करने के बहाने लिंक भेज कर अधिकारी के फ ोन को हैक कर अधिकारी के अकाउंट से रुपए पार कर लिए। वहीं एक अन्य महिला भी ठगी का शिकार हुई है। इस तरह दोनों मामलों में 6 लाख से अधिक के ठगी किए जाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस तफ्तीश कर रही है।मिली जानकारी के अनुसार ठगी के शिकार पुलिस अधिकारी उन्नी नायर ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई। जिसमें बताया कि वह पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर के पद से रिटायर हुआ है। 7 अगस्त 2025 को उनके मोबाइल पर योनो एसबीआई एप को अपडेट करने के लिए मैसेज आया। उन्होंने लिंक को क्लिक किया और अपडेट करने की कोशिश की। इस दौरान दो से तीन बार ओटीपी आया लेकिन उसने शेयर नहीं किया। वहीं ठगी की शिकार महिला अर्चना भदौरिया ने टिकरापारा थाने में शिकायत दर्ज करवाई। जिसमें बताया कि 15 सितंबर को उनके व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया जिसमें लिखा था कि 1000 चालान काटा गया है। उन्होंने लिंक को क्लिक किया कुछ देर बाद मैसेज ऑटोमेटिक डिलीट हो गया। 17 सितंबर की सुबह करीब 7 बजे उन्हें मैसेज आया। इसके बाद 5 लाख 12 हजार रुपए कटने का मैसेज आया। ठग ने उनके बैंक खाते को खाली कर दिया था। उन्होंने पुलिस में शिकायत दी जिसमें बताया है कि किसी ने फ ोन हैक कर उनके साथ साइबर फ्रॉड किया है। इस मामले में टिकरापारा पुलिस अपराध दर्ज कर जांच में जुट गई है।बताया जा रहा है कि वाट्सअप पर लिंक जारी कर और कॉल के जरिए घटना को अंजाम दिया या है। दोनों मामलों में ठगों ने करीब 6 लाख रुपए पार कर लिए है।परिवहन विभाग ने जारी की एडवाइजरी
लगातार ठगी की शिकायतों की वजह से परिवहन विभाग ने वेबसाइट पर एडवाइजरी जारी की है। साइबर ठग नकली ई-चालान के नाम पर मोबाइल पर डराने वाले मैसेज भेज रहे हैं। इनमें दिए गए लिंक या (डॉट एपीके फाइल) पर क्लिक कराकर लोगों की निजी जानकारी और बैंक खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं। विभाग ने स्पष्ट किया कि किसी भी वाहन चालक को असली ई-चालान की जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट ईचालान डॉट परिवहन डॉट इन पर ही मिलेगी। ई-चालान पेज पर जाकर पे ऑनलाइन पर क्लिक कर, चालान नंबर और कैप्चा डालना होगा। इसके बाद मोबाइल पर आने वाले ओटीपी के जरिए ही चालान विवरण देखा जा सकता है।
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