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पितृपक्ष में यहां भोजन कराने से पूर्वज होते हैं तृप्त, देते हैं आशीष

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-जन समर्पण सेवा संस्था की भोजन सेवा..
दुर्ग।
पितृपक्ष में अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने के लिए विभिन्न तरह के कर्मकांड के साथ गरीबों को भोजन कराने का विधान है। लोग अपनी क्षमता अनुसार घर-परिवार में भोजन भी कराते हैं, लेकिन दुर्ग में एक संस्था ऐसी है जहां 9 साल से लगातार गरीब, असहाय, बेसहारा, वृद्धजन, दिव्यांगों को निःशुल्क भोजन कराया जाता है। यहां श्राद्ध पक्ष के दौरान भोजन कराने के लिए लोग सेवा करने आते हैं। अपने पितरों की याद में श्राद्ध पक्ष में अपने हाथों में भोजन परोसते हैं। 
जन समर्पण सेवा संस्था अब दुर्ग में सेवा के नाम पर एक भरोसे का नाम हैं
दुर्ग की जन समर्पण सेवा संस्था जहां श्राद्ध पक्ष में पितरों की याद में भोजन कराने के लिए लोग आते हैं। अपने बुजुर्गों, दिवंगत परिजन, माता-पिता की श्राद्ध तिथि पर गरीबों, बुजुर्गों, दिव्यांगों को भोजन कराने के लिए लोग सहयोग करते है दरअसल जन समर्पण  सेवा संस्था दुर्ग में एक भरोसे का नाम जहां भोजन करने वाले और भोजन परोसने वालों को सुकून और आत्मिक संतुष्ठि मिलती है। इसलिए लोग यहां समिति सदस्यों से संपर्क कर श्राद्ध पक्ष में एक दिन का भोजन कराने के लिए नाममात्र की आर्थिक सहयोग राशि देकर लगभग 200 जरुरतमंद लोगों को भोजन कराने आते हैं।
जन समर्पण सेवा संस्था दुर्ग द्वारा दुर्ग  के विभिन्न स्थान जिसमें सबसे प्रमुख स्थान दुर्ग रेलवे स्टेशन है जहां लगभग 100 जरुरतमंदों को प्रतिदिन निःशुल्क भोजन वितरण किया जाता है, इसके साथ साथ दुर्ग के बस स्टैंड ,चंडी चौक, तमेरपारा, लुचकी तालाब, पुराना बस स्टैंड, पोलसाय पारा, समृद्धि  बाजार जैसे विभिन्न स्थानों में फुटपाथ या टूटी फूटी झोपडी में रहने वाले गरीब, असहाय, दिव्यांग जनों को संस्था द्वारा बिना रुके बिना किसी दिन नागा किए पिछले 9 वर्ष से प्रतिदिन रात्रि को भोजन वितरण किया जाता आ रहा है।

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    श्राद्ध पक्ष के दौरान जरुरतमंद लोगों को भोजन कराने के लिए दुर्ग एवं अन्य स्थानों से लोग अपने बड़े-बुजुर्गों, माता-पिता या दिवंगतों की याद में पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध के लिए भोजन कराते हैं। भोजन सेवा में या तो खुद आते हैं या फोन पर संपर्क कर बुकिंग कराकर समिति के खाते में राशि पहुंचाकर भोजन कराने का पुण्यलाभ उठाते हैं।
    पितृपक्ष में संस्था द्वारा हर जरुरतमंदों को दुर्ग स्टेशन में बैठकर पत्तल में चावल दाल सब्जी पूड़ी दाल का बड़ा मिष्ठान नमकीन भोजन मे दिया जा रहा है जिसे पाकर हर जरुरतमंद बहुत खुश रहते है।   बहुत से लोग लोग यहां खुद परिवार सहित आते हैं और अपने हाथों से  गरीबों दिव्यांग जनों को भोजन कराते है।   संस्था द्वारा एक दिन में करीब 200 लोगो को निःशुल्क भोजन कराया जाता है। इसमें बुजुर्ग, बच्चे, बेसहारा सभी शामिल होते हैं। संस्था 365 दिन रोजाना भोजन खिलाने का काम निस्वार्थ भाव से कर रही है। इसमें समिति के सदस्य व समाजसेवियों का सहयोग रहता है।
बीते 9 साल से जन समर्पण सेवा संस्था बिना रुके बिका किसी दिन नागा किए लगातार सेवा में जुटी है।
     जन समर्पण  सेवा संस्था विगत 9 वर्ष से पूरे साल के 365 दिन दुर्ग रेलवे स्टेशन में भोजन कराया जाता है। कोई भी जरुरत मंद यहां भोजन कर सकता है। जो गरीब, असहाय, बुजुर्ग, दिव्यांग, बेघर हमारे यहां तक नहीं आ सकते हैं, ऐसे लोगो का पूर्व में सर्वे कराकर बाकायदा पूरी सूची तैयार की गई है। इन लोगों को भोजन उनके स्थान तक पहुंचाया जाता है। कुछ लोग रेलवे स्टेशन, बस स्टेंड व ऐस ही सार्वजनिक स्थान पर जीवन गुजारते हैं, ऐसे लोगों को भी हमारी रसोई उनके स्थान पर जाकर भोजन प्रदान करती है। इसके लिए संस्था ने खुद के वाहन रखे हैं। संस्था के स्वयं सेवक खुद अपने हाथों से भोजन देने जाते हैं।

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    संस्था द्वारा इस पितृपक्ष में दो दिव्यांग जनों को बैसाखी का वितरण भी किया ये दिव्यांग शहर के फ़ुटपाट में जीवन यापन कर रहे थे और बिना बैसाखी के रोड में घिस  घिस कर चलते थे बैसाखी मिलने से अब वे अपने खुद के सहारे जीवन यापन कर सकेंगे, पितृपक्ष के अवसर पर संस्था द्वारा भोजन के साथ साथ साबुन निरमा तेल बिस्किट का वितरण भी किया गया।
    यह संस्था दुर्ग भिलाई के आश्रमों में भी समय समय में जाकर पूरे एक माह की जरूरत की सामग्री वितरण करती है, जिसमें तेल साबुन निरमा बिस्किट मिष्ठान नमकीन का वितरण करती है।
    संस्था के युवाओं द्वारा गिरते पानी में भी यह सेवा नहीं रोकी जाती रेनकोट पहनकर भोजन लेकर जाते है सभी स्थानों में भोजन वितरण करके स्टेशन मै बने टीन शेड के नीचे जरूरतमंदो को क्रमवार खड़े करके भोजन वितरण किया जाता है।
संस्था के सदस्य प्रतिदिन भोजन वितरण के पश्चात साफ सफाई करते है जूठे पत्तल को उठाकर कचरा डब्बा में डालकर जाते है, यह सभी सेवा कार्य से पूरे जिले ही नहीं बल्कि पुर प्रदेश में सेवा की मिशाल बन गई है यह संस्था जिसे देख शहर के अन्य लोग भी सेवा के कार्य कर रहे है।
   संस्था के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा आशीष मेश्राम राजेंद्र ताम्रकार सुजल शर्मा संजय सेन अख्तर यासनी अर्जित शुक्ला मृदुल गुप्ता ददू ढीमर हरीश ढीमर शुभम सेन सचिन ईशान शर्मा शाहबाज पाकीजा बिट्टू खान सब्बीर खान अंकेश पेशवानी ऋषभ श्रीवास्तव एवं अन्य प्रतिदिन सेवा दे रहे है।

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