होम / दुर्ग-भिलाई / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में हुए शामिल
दुर्ग-भिलाई
-छत्तीसगढ़ के सभी तीर्थ स्थलों को विकसित कर रही है सरकार, कवर्धा के भोरमदेव के विकास हेतु 146 करोड़ स्वीकृत
-श्रीराम लला दर्शन योजना और तीर्थ दर्शन योजना से श्रद्धालुओं को मिल रहा है आध्यात्मिक लाभ
दुर्ग। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पवित्र श्रावण मास के दौरान भिलाई में आयोजित सात दिवसीय शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में आज सपत्निक सम्मिलित हुए। श्रावण मास की इस सात दिवसीय शिव महापुराण कथा श्रृंखला का आयोजन 30 जुलाई से 05 अगस्त 2025 तक बोल बम समिति द्वारा किया गया। जिसमें सिहोर मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा जी महाराज ने शिव महापुराण की अमृतमय कथा से हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कथा वाचक पं. श्री मिश्रा और व्यास पीठ से जुड़े संत जनों का छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की ओर से स्वागत एवं अभिवादन किया। उन्होंने आयोजन समिति को तथा समस्त शिव भक्तों व श्रद्धालुओं को पवित्र श्रावण मास की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि इस्पात नगरी भिलाई में विगत सात दिनों से शिव महापुराण कथा की अविरल धारा बह रही है। उन्होंने कहा समापन दिवस पर कथा में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान महादेव की कृपा छत्तीसगढ़ वासियों पर बरसती रहे। छत्तीसगढ़ में भगवान महादेव विभिन्न जगहों पर अलग-अलग नाम से विराजमान है। जहां पर लोग श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करते आ रहे है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि जशपुर में मधेश्वर महादेव विराजमान है, जो विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग है। कर्वधा में बाबा भोरमदेव, रायपुर में महेश्वर महादेव, राजिम में कुलेश्वर महादेव, गरियाबंद में भूतेश्वर महादेव तथा खरौद में लक्ष्मणेश्वर महादेव के रूप में भगवान महादेव श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश शिवमय है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके गृह ग्राम बगिया में भी फलेेश्वर महादेव विराजमान है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महादेव के साथ आदिशक्ति देवी माता की भी कृपा है। दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी, डोंगरगढ़ में मां बम्बलेश्वरी, रतनपुर में मां महामाया और चंद्रपुर में मां चंद्रहासिनी, सूरजपुर में सूरजगढ़ी माता विराजमान है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में 5 प्रमुख शक्तिपीठों के विकास के लिए शक्ति कॉरीडोर योजना प्रारम्भ की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग दर्शन में तीर्थ पर्यटन को नई दिशा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास के समय 10 वर्ष छत्तीसगढ़ में बिताए है।
इस दौरान उन्होंने भक्त माता शबरी के जूठे बेर भी खाए थे। छत्तीसगढ़ प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। मुख्यमंत्री ने श्रीराम लला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन का लाभ प्राप्त कर चुके है। उन्होंने कहा कि यह योजना श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनी है। इस वर्ष भी विगत दिवस रायपुर से तीर्थयात्रियों के दल को रवाना किया गया। ट्रेन में 850 श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री ने डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में प्रारम्भ तीर्थ दर्शन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि विगत 5 वर्षों से बंद यह योजना पुनः प्रारम्भ की गई। इस योजना के अंतर्गत राज्य के वृद्ध श्रद्धालुओं को देश के 19 प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन कराए जा रहे है। जिससे उन्हे जीवन में आध्यात्मिक आस्था का अनुभव हो रहा है। इस योजना में परित्यक्तता और विधवा महिलाओं को भी प्राथमिकता दी गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के सभी तीर्थ स्थलों को विकसित कर रही है। इसी कड़ी में कर्वधा स्थित भोरमदेव के विकास के लिए 146 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई।
समापन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय सपत्निक आरती में शामिल हुए और उन्होंने प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए कहा कि भोले बाबा महादेव की कृपा सभी श्रद्धालुओं पर बनी रहे। इस अवसर पर विधायक अहिवारा डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, दुर्ग शहर विधायक गजेन्द्र यादव, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन, महापौर भिलाई नीरज पाल, संभाग आयुक्त एस.एन. राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर अभिजीत सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल एवं अन्य अधिकारीगण तथा आयोजन समिति के दयासिंह सहित अन्य पदाधिकारी, नगर के गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।
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