होम / दुर्ग-भिलाई / श्री शिव महापुराण कथा का शुभारंभ भिलाई में: श्रद्धा, भक्ति और शिव की कृपा से गूंज उठा जयंती स्टेडियम
दुर्ग-भिलाई
भिलाई। भिलाई के पवित्र भूमि पर सावन मास के प्रथम दिन से "श्री शिव महापुराण कथा" का दिव्य आयोजन शुरू हुआ। कथा स्थल जयंती स्टेडियम हर हर महादेव के नारों से गूंज उठा। शिवभक्तों की अपार भीड़ और वातावरण में छाई भक्ति ने सिद्ध कर दिया कि जब भगवान शिव की कृपा होती है, तभी ऐसे आयोजनों का सौभाग्य मिलता है।
बोल बम समिति के जिला अध्यक्ष दया सिंह के अथक प्रयासों से यह आयोजन संभव हुआ। पूज्य पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने भावविभोर होकर कहा – "मैं दया सिंह को कहना चाहता हूँ, क्या प्रबल श्रद्धा है आपकी! तभी तो बाबा ने आप पर कृपा की वर्षा की और यह शिव महापुराण कथा भिलाई में आयोजित हो पाई।"
उन्होंने आगे यह भी कहा कि “शिव की कृपा होती है तभी सावन मास में कथा होती है, और जब किसी भक्त पर शिव का आशीर्वाद होता है तो वो खुद माध्यम बन जाता है।”
-कथा का प्रथम दिन: देवराज इन्द्र की कथा से मिला संदेश..
प्रथम दिवस की कथा में पंडित जी ने एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रसंग सुनाया - देवराज इन्द्र के अहंकार का। उन्होंने बताया कि "देवराज इन्द्र स्वर्ग का राजा होते हुए भी कभी शिव मंदिर नहीं गया, न ही कभी भगवान शिव की पूजा की। उसकी इसी भूल के कारण उसका अहंकार चूर हुआ और उसे अपने पद से भी हाथ धोना पड़ा।"
पंडित जी ने यह उदाहरण देते हुए कहा कि “शिव के बिना कोई भी राजा या देवता सुरक्षित नहीं। जो भी शिव की शरण में आता है, वही सच्चा विजेता बनता है।”
प्रत्येक दिन यह कथा दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित हो रही है। पहले ही दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए। महिलाएं, युवा, बुजुर्ग सभी ने शिवमहिमा को बड़े श्रद्धा भाव से सुना।
-पंडित प्रदीप मिश्रा जी का संदेश..
उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा - “कथा केवल सुनने का कार्य नहीं, यह आत्मा को जाग्रत करने का अवसर है। जो भक्ति भाव से इस कथा में भाग लेते हैं, उनके जीवन की हर बाधा स्वतः दूर हो जाती है।”
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