नईदिल्ली । रूस के कामचटका प्रायद्वीप पर बुधवार को आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद जापान और न्यूजीलैंड समेत कई देशों में सुनामी का खतरा है। ऐसे में सुनामी को लेकर भारत के लोगों में भी आशंकाएं पैदा हो रही है। हालांकि, भारतीय सुनामी चेतावनी सलाहकार सेवाओं ने इन आशंकाओं पर रोक लगा दी है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली सेवाओं ने बताया कि भूकंप के कारण भारत और हिंद महासागर में सुनामी का कोई खतरा नहीं है।
रूस के कामचटका में भूकंप आने के बाद समुद्र में करीब 13 फीट ऊंची लहरें और सुनामी आ गई। भूकंप 19.3 किलोमीटर की गहराई पर था। अधिकारियों ने बताया कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और इमारतों को नुकसान पहुंचा है। इसके कारण अमेरिका, जापान और आसपास के अन्य देशों के लिए भी प्रशांत महासागर में सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई है। यह 1952 के बाद से यहां सबसे शक्तिशाली भूकंप है।
भूकंप के कारण जापान, हवाई, चिली और न्यूजीलैंड समेत 60 देशों में सुनामी का खतरा है। हालांकि, कुछ देशों में सुनामी की लहरें ज्यादा ऊंची नहीं होंगी। 3 मीटर से अधिक ऊंची सुनामी लहरें इक्वेडोर, रूस और उत्तर-पश्चिमी हवाई द्वीप समूह में आ सकती हैं। 1 से 3 मीटर तक की सुनामी लहरें चिली, कोस्टा रिका, फ्रेंच पोलिनेशिया, गुआम, हवाई, जापान, जार्विस द्वीप, जॉनस्टन एटोल, किरिबाती, मिडवे द्वीप, पल्मायरा द्वीप, पेरू, समोआ और सोलोमन द्वीप में आ सकती है।
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