दुर्ग। आगामी त्योहारों व धार्मिक आयोजनों के मद्देनजर ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंगलवार को पुलिस नियंत्रण कक्ष भिलाई में डीजे संचालकों की बैठक आयोजित की गई। बैठक का आयोजन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग तथा नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर द्वारा किया गया।
बैठक में जिले के लगभग 100 डीजे संचालक शामिल हुए। इस अवसर पर पुलिस अधिकारियों ने डीजे संचालकों को विभिन्न कानूनी प्रावधानों व माननीय न्यायालयों के दिशा-निर्देशों की जानकारी देते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में दिए गए मुख्य निर्देश इस प्रकार हैं:
डीजे या ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग सार्वजनिक स्थलों पर स्थानीय परिवेश ध्वनि स्तर से 10 डीबी (ए) अथवा अधिकतम 75 डीबी (ए) में से जो भी कम हो, उससे अधिक नहीं होगा।
रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों व वाद्य यंत्रों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
एनजीटी, शासन, माननीय उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण हेतु निर्धारित Noise Pollution Rules 2000, कोलाहल अधिनियम 1985 तथा अन्य सभी नियमों का पालन अनिवार्य होगा।
शासकीय/अशासकीय अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, न्यायालयों तथा शासकीय कार्यालयों की 100 मीटर की परिधि को “कोलाहल प्रतिबंधित क्षेत्र (साइलेंस जोन)” घोषित किया गया है, जहां ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पूर्णतः वर्जित रहेगा।
किसी आयोजन में शासकीय संपत्ति अथवा अन्य सुविधाओं का उपयोग बिना पूर्व अनुमति के नहीं किया जा सकेगा।
वाहनों पर लाउडस्पीकर अथवा वाद्य यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।
आयोजन में आम जनता को बाधित नहीं किया जाए तथा मार्ग को अवरुद्ध न किया जाए।
किसी विवाद की स्थिति में अनुमति स्वतः निरस्त मानी जाएगी।
अधिकारियों ने डीजे संचालकों को स्पष्ट रूप से चेताया कि दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर विधि अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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