-बारिश से दुर्ग-भिलाई तरबतर, घरों में घुसा पानी, प्रमुख सड़कें रही लबालब, निगम की तैयारियों की खुली पोल, शहरी क्षेत्र में बारिश से निपटने आधी अधूरी तैयारी और अतिक्रमण बना जलभराव का कारण
दुर्ग। दुर्ग जिले की जीवनदायिनी शिवनाथ नदी उफान पर आ गया है, वहीं नालों व तालाबों में जल स्तर बढ़ गया है। शिवनाथ नदी में यह स्थिति मोंगरा बैराज से पिछले तीन दिनों से छोड़े जा रहे पानी और दुर्ग जिले में मंगलवार की शाम से बुधवार की सुबह तक हुए झमाझम बारिश की वजह से निर्मित हुई है। जिसकी वजह से शिवनाथ नदी के तटवर्ती इलाकों के रहवासियों के लिए पानी आफत बन गई है। ग्राम थनौद में कछारनाला में अचानक पानी का प्रवाह तेज होने से बाढ़ में फंसे भारतमाला हाईवे प्रोजेक्ट के 32 मजदूरों को एसडीआरएफ की टीम द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल कर सुरिक्षत स्थानों पर शरण दिलाई गई। इसके अलावा अन्य गांवो के ग्रामीणों को जल्द गांव छोड़कर सुरिक्षत स्थानों पर जाने मुनियादी करवाई गई है। बुधवार की सुबह मोंगरा बैराज से 15 हजार क्यूसेक पानी और छोड़े जाने से शिवनाथ नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
जिसकी वजह से शिवनाथ नदी ने महमरा एनीकेट को अपने आगोश में ले लिया है। दोपहर की स्थिति तक महमरा एनीकेट के उपर से करीब 7 फीट पानी चल रहा था, वहीं दुर्ग-राजनांदगांव मार्ग पर स्थित शिवनाथ नदी का पुराना पुल डूबने से 2 फीट नीचे रह गया है। पुलगांव नाला का जल स्तर भी बढ़ गया है। इधर दुर्ग-भिलाई में मंगलवार की शाम से बुधवार की सुबह तक हुए झमाझम बारिश से ट्वीनसिटी तरबतर हो गई। दुर्ग शहर के शंकरनगर,वार्ड क्रमांक-11,कोष्ठा तालाब के सामने गयानगर, ठाकुर पान ठेला के पीछे पुलगांव बस्ती, पुलगांव नाला के आसपास, रिलायंस पेट्रोल पंप पुलगांव नाका, सिकोलाभाठा, महिला समृद्धि बाजार सिविल लाईन, साई मंदिर के पास कसारीडीह, जल परिसर, मालवीय नगर, पटेल चौक, जिला पंचायत भवन के सामने, धनोरा-हनोदा चौक स्थित बजरंग स्टील के पीछे रहवासी क्षेत्र के अलावा अन्य निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। शंकरनगर वार्ड क्रमांक-11 के कुछ घरों में पानी घुसने की शिकायतें सामने आई। जिससे रहवासी परेशान रहे, वहीं बारिश से भिलाई शहर का भी हाल बेहाल रहा। सेक्टर-06 के अलावा अन्य टाऊनशिप इलाकों व पटरीपार क्षेत्र में पानी लोगों के लिए मुसीबत बनी रही है। कई सेक्टरों के घरों में पानी घुसने की खबर है। लोग घरों में घुस आए पानी को बाहर निकालने मशक्कत करते नजर आए। जिले में मंगलवार की शाम से बुधवार की सुबह तक 77 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। सर्वाधिक वर्षा अहिवारा में 103 मिलीमीटर दर्ज की गई है।
राहत की बात यह रही कि बुधवार की सुबह झमाझम बारिश थम गई। अगर यह बारिश 5-6 घंटे और होती, तो दुर्ग-भिलाई की दुर्दशा और बिगड़ सकती थी। इन सबके बीच दुर्ग-भिलाई में एक रात की जमकर बारिश ने दुर्ग-भिलाई नगर निगमों की बारिश पूर्व सुरक्षा उपायों की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है। दुर्ग नगर निगम ने तो हदें पार कर दी है। बारिश की वजह से इंटकवेल में जलकुंभियां फंसने से पिछले दो दिनों से पेयजल व्यवस्था बाधित हो रही है। दुर्ग नगर निगम की टीम बुधवार को पुलगांव नाला से जलकुंभियां निकालते नजर आई। अगर बारिश पूर्व नगर निगम द्वारा नाले से जलकुंभियां साफ कर ली जाती,तो ऐन बारिश में लोगों को पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ता। जानकार शहरी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति के लिए निगम की आधी अधुरी साफ-सफाई की तैयारी और शहर में कुकुरमुत्ते की तरह फैले अतिक्रमण को मान रहे है। अतिक्रमण पर सख्ती से कार्यवाही नहीं होने की वजह से पानी का निकासी नहीं पो पाया, जो शहरी क्षेत्र के कई वार्डों, मुख्य मार्गों और सार्वजनिक स्थानों पर जलभराव का बड़ा कारण बना है। जिसकी वजह से रहवासियों के लिए यह झमाझम बारिश आफत के साथ परेशानियों का सबब बनी रही।बहरहाल शिवनाथ नदी का बढ़ता जलस्तर तटवर्ती इलाकों के लोगों के लिए आफत बनी रही, लेकिन यही शिवनाथ लोगों के लिए सैर-सपाटे का कारण भी बना। शिवनाथ के बढ़ते जल स्तर का लुत्फ उठाने यहां लोग बड़ी संख्या में पहुंचे। लोग सेल्फी लेते भी नजर आए।
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