-कठिन परिश्रम से ही सफलता मिलती है: उमाशंकर मिश्र
-हिंदी साहित्य को पढ़ने से अवसाद दूर होता है
दुर्ग। पीएम श्रीकेन्द्रीय विद्यालय दुर्ग में हिन्दी ओलंपियाड में कुल 208 बच्चों ने भाग लिया जिसमें से कुल 42 बच्चों ने मेडल और सर्टिफिकेट प्राप्त किए। प्राथमिक विभाग के 28 और माध्यमिक विभाग के 14 बच्चों ने पुरस्कार और पदक प्राप्त किए। केंद्रीय विद्यालय दुर्ग में आज आयोजित कार्यक्रम में हिंदी ओलंपियाड में भाग लेने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र एवं मैडल सौंपे गए। प्राचार्य उमाशंकर मिश्र ने सभी विजेता छात्रों का उत्साह वर्धन किया। उन्होंने कहा कि हिंदी साहित्य का अध्ययन करने से आनंद मिलता है। भाषा कोई भी हो ज्ञान का माध्यम है। हिंदी साहित्य की समृद्ध है।
पुरुषोत्तम साहू एवं डॉ. अजय आर्य ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ. अजय आर्य ने कहा - मेहनत की स्याही से जो लिखते हैं अपने इरादों को, उनके मुकद्दर में कभी खाली पन्ने नहीं होते। जिंदगी प्रगति का नाम है और हम सभी को एक दूसरे से प्रेरणा प्राप्त करनी चाहिए। इस अवसर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर हिंदी ओलंपियाड द्वारा प्राचार्य उमाशंकर मिश्र को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
प्राचार्य ने अपना स्मृति चिन्ह हिंदी विभाग की वरिष्ट शिक्षिका नीता दास को हस्तांतरित किया। इस अवसर पर हिंदी विभाग के शिक्षक सतीश धीवर, टकेश्वर साहू, पुरुषोत्तम साहू, डॉ राखी श्रीवास्तव, डॉ. अजय आर्य उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि हिंदी ओलंपियाड सतीश धीवर के नेतृत्व में आयोजित किया गया।
-इन छात्रों को मिला मेडल और प्रमाण पत्र..
आराध्य एस उपाध्याय, मानसी यादव और काव्या वर्मा ने प्रथम स्थान अर्जित कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। नवनीत सिंह, अदित्री अवस्थी, भूविका दीनानी, श्रीयश श्रीवास्तव, योशिता साहू और हर्ष पटेल ने द्वितीय स्थान अर्जित कर सिल्वर मेडल प्राप्त किया। भूमि निर्मलकर, साक्षी पांडेय, अथर्व अवधूत, छविलता साहू और प्रथमेश पटले ने तृतीय स्थान अर्जित कर कांस्य पदक प्राप्त किया। हिन्दी ओलंपियाड में भाग लेने वाले छात्रों की उत्साहजनक संख्या को देखते हुए विद्यालय को भी सम्मान चिन्ह प्राप्त हुआ जो प्राचार्य उमाशंकर मिश्रा ने ग्रहण किया।
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