छत्तीसगढ़

लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल, पूरे प्रदेश में ठेकेदारों के कार्यों की जांच की मांग तेज

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रायपुर। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) छत्तीसगढ़ की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। नवा रायपुर स्थित लोक निर्माण विभाग के संभाग कार्यालय से जारी एक पत्र ने इस विभाग की कार्य पद्धति पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। उक्त पत्र में सड़क-पुलिया मरम्मत कार्यों में प्रयुक्त पेंट की सत्यापन पश्चात भुगतान की प्रक्रिया को लेकर निर्देश दिए गए हैं, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि ठेकेदारों से प्राप्त Tax Invoice की जांच के बाद ही भुगतान किया जाए।
माना जा रहा है कि यह पत्र विभाग में पेंट जैसी सामान्य सामग्री की आपूर्ति में भी अनियमितताओं की संभावना को उजागर करता है। सूत्रों का कहना है कि अक्सर ठेकेदारों द्वारा पेंट, सीमेंट या अन्य निर्माण सामग्री की आपूर्ति में भारी मात्रा में गड़बड़ियां की जाती हैं। भुगतान के लिए Tax Invoice की शर्त रखने के बावजूद कई बार विभागीय अधिकारी ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए बिना भौतिक सत्यापन के ही बिल पास कर देते हैं।
विभागीय पत्र में कहा गया है कि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए सामग्री के 50 प्रतिशत उपयोग के उपरांत ही कार्य का निरीक्षण एवं फोटो सहित प्रमाण पत्र तैयार कराना अनिवार्य होगा। साथ ही, GSTIN पोर्टल पर सत्यापन की भी बात कही गई है। यह प्रक्रिया भले ही पारदर्शिता के लिए हो, लेकिन सवाल यह उठता है कि अब तक इस तरह की स्पष्ट व्यवस्था क्यों नहीं थी?
विपक्षी दलों व जागरूक नागरिकों का कहना है कि यह सिर्फ एक संभाग तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे कार्यों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। पेंट से लेकर सड़क निर्माण और भवन मरम्मत तक, करोड़ों रुपये के कार्य हर साल होते हैं। यदि इनके Tax Invoice और वास्तविक कार्य की निष्पक्ष जांच हो, तो बड़े घोटाले सामने आ सकते हैं।
वर्तमान में जारी पत्र ने इस बात को भी उजागर किया है कि विभाग अब तक बिना पर्याप्त नियंत्रण के भुगतान करता रहा है। अब जबकि विभाग स्वयं पत्र जारी कर सतर्कता बरतने के निर्देश दे रहा है, तो यह स्वीकारोक्ति भी है कि कहीं न कहीं व्यवस्था में कमी रही है।
प्रदेश के जागरूक वर्ग ने सरकार से मांग की है कि लोक निर्माण विभाग के सभी संभागों में गत पांच वर्षों में कराए गए ठेका कार्यों की विशेष ऑडिट कराई जाए, ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके और जनता के पैसों का दुरुपयोग रोका जा सके।

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