-अफसरों को समय सीमा के भीतर गुणवत्ता एवं पारदर्शिता के साथ कार्य पूर्ण करने दिए निर्देश
दुर्ग। जल संसाधान विभाग की खरखरा-रूदा एमएस पाइपलाइन और भरदा-मरोदा जल आपूर्ति परियोजना से वर्तमान जल संकट की चुनौतियों, जल स्त्रोतों के सीमित एवं असंतुलित वितरण तथा बढ़ती जनसंख्या एवं औद्योगिकीकरण की आवश्यकताएं पूरी होगी। ये परियोजनाएं न केवल जल हानि को न्यूनतम करने, बल्कि जल संरक्षण और कुशल उपयोग के माध्यम से प्रदेश के हर नागरिक, कृषि क्षेत्र और उद्योगों को स्थायी जल आपूर्ति सुनिश्चित करेंगी। खरखरा-रूदा एमएस पाइपलाइन परियोजना 1486 करोड़ लागत की है, जबकि भरदा-मरोदा जल आपूर्ति परियोजना 322 करोड़ लागत से पूर्ण की जाएगी। खरखरा-रुदा एमएस पाइपलाइन परियोजना स्वीकृति हेतु शासन को प्रेषित है,वहीं भरदा-मरोदा जल आपूर्ति परियोजना का 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। उक्त परियोजनाओं का जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने स्थल निरीक्षण किया और अधिकारियों से परियोजना की प्रगति के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान श्री कश्यप ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्धारित समय-सीमा के भीतर गुणवत्ता एवं पारदर्शिता के साथ कार्य पूर्ण करने निर्देश दिए है। उन्होनें कहा कि यह परियोजना शासन की जन कल्याण की प्रतिबद्धता का सशक्त प्रतीक है और इसके सफल समापन से क्षेत्र में जल सुरक्षा एवं विकास की नई दिशा स्थापित होगी। यह न केवल लाखों नागरिकों को शुध्द एवं निर्बाध जल उपलब्ध कराएगी, बल्कि हमें जल संरक्षण के प्रति भी सजग करेगी। महानदी गोदावरी कछार रायपुर मुख्य अभियंता सतीश कुमार टीकम ने कहा कि जल संरक्षण और प्रबंधन छत्तीसगढ़ शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ये परियोजनाए राज्य के औद्योगिक विकास, ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के समग्र विकास का आधार है। जल सुरक्षा के प्रति हमारा संकल्प अटूट है और हम निरंतर नयी तकनीकों और संवेदनशील प्रशासन से इस लक्ष्य को साकार करेंगें। शिवनाथ मण्डल दुर्ग अधीक्षण अभियंता सुरेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि परियोजना के सभी कार्य निर्धारित तकनीकी मापदंडो एवं भारतीय मानकों के अनुरूप निष्पादित किए जा रहे है। पाइप लाइन निर्माण में गुणवत्ता, सुरक्षा एवं स्थायित्व को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। सभी संरचनात्मक व हाइड्रोलिक गणनाएं एवं ड्राइंग डिजाइन विभागीय दिशा निर्देशों के अनुरूप सुनिश्चित की गई है तथा कार्यों की सतत निगरानी की जा रही है जिससे समय-सीमा के भीतर तकनीकी दक्षता के साथ जनहित में इस योजना को पूर्ण किया जा सके। तांदुला जल संसाधन संभाग दुर्ग कार्यपालन अभियंता आशुतोष सारस्वत ने कहा कि इस परियोजना की परिकल्पना से लेकर क्रियान्वयन तक का हर चरण वैज्ञानिक आकड़ों, स्थलाकृतिक विश्लेषण, पाइप लाइन प्रेशर हैड कैल्कुलेशन और हाइड्रोलिक मॉडलिंग पर आधारित है। 3500 मिमी व्यास की उच्च गुणवत्ता युक्त एमएस पाईप भारतीय मानकों के अनुरूप कोटिंग व जांइटिंग व्यवस्था के साथ स्थापित की जाएगी, ताकि दशको तक निर्बाध जल प्रवाह सुनिश्चित हो सके। हमारा लक्ष्य न केवल समयबध्द पूर्णता है, बल्कि प्रत्येक तकनीकी पक्ष में शत-प्रतिशत गुणवत्ता भी सुनिश्चित करना है। स्थल निरीक्षण के दौरान दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर, महानदी गोदावरी कछार रायपुर के मुख्य अभियंता सतीश कुमार टीकम, शिवनाथ मण्डल दुर्ग के अधीक्षण अभियंता सुरेश कुमार पाण्डेय, तांदुला जल संसाधन संभाग के कार्यपालन अभियंता आशुतोष सारस्वत, अनुविभागीय अधिकारी गोपी शर्मा, डीएन शुक्ला, आरके. सोनी, रोहन शॉ, पीएन साहू, कुलेश्वर जोशी, उपअभियंता गौरव सिंह, मुकेश अहिर सहित अन्य सभी तांदुला जल संसाधन के उपअभियंता मौजूद रहे।
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