-भारतीय भाषा प्रशिक्षण का पांचवा दिन
दुर्ग। पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय दुर्ग में भारतीय भाषा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। आज शिविर के पांचवें दिन प्राचार्य उमाशंकर मिश्रा ने कहा - प्रत्येक भाषा श्रेष्ठ है। किसी भी भाषा का अनादर नहीं करना चाहिए। भारत विशाल देश है। यहां की संस्कृति परंपरा भिन्न-भिन्न है। यहां की विविध भाषाएं इसके सौंदर्य को बढ़ाती है। हमको अधिक से अधिक भाषाओं के साथ जुड़कर के वहां की संस्कृति परंपरा और ज्ञान को आत्मसात करने का प्रयत्न करना चाहिए।
ग्रीष्मकालीन भारतीय भाषा शिविर के पांचवें दिन एस वी एस गायत्री ने तेलुगु भाषा का प्रशिक्षण देते हुए अपना परिचय- नाम, उम्र और पता पूछना बच्चों को सिखाया। शिविर में बच्चों ने आंध्र प्रदेश के सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीता रामराजू के बारे में वीडियो के जरिए जाना।
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अल्लूरी सीतारामा राजू एक निर्भीक क्रांतिकारी थे जो आदिवासियों के अधिकारों के लिए ब्रिटिश के खिलाफ लड़ा करते थे। उनके पास कई सारी विशेष शक्तियां थी जिससे वह लोगों को ठीक कर सकते थे। आंध्र प्रदेश की प्रसिद्ध रम्पा विद्रोह का नेतृत्व सीता राम राजू ने ही किया। वे महात्मा गांधी के बहुत बड़े अनुयाई थे। उनकी वीरता और जोशीले स्वभाव के कारण लोगों ने उन्हें "मण्यम वीरूडू' की उपाधि से सम्मानित किया जिसका अर्थ है जंगल का हीरो। इनकी मृत्यु इतनी रहस्यमय है की उनकी कहानी को फिल्मों में और किताबों में दर्शाया गया। उनकी जीवनी के द्वारा बच्चों में अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम और त्याग की भावना को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया। भारतीय भाषा प्रशिक्षण शिविर की आयोजन समिति में रामाशीष चौहान डॉ. अजय आर्य डॉ. राखी श्रीवास्तव, सतीश धीवर प्रमुख हैं।
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