- सूदखोरी के शिकंजे में शिक्षक
-ब्लैंक चेक बना ब्लैकमेलिंग का हथियार
-4 लाख का कर्ज बना जिंदगी का बोझ! ब्लैंक चेक के सहारे 40 लाख की वसूली, महिला सूदखोर पर एफआईआर दर्ज
- ब्लैंक चेक से ब्लैकमेल, ब्याज से बर्बादी! सूदखोरी के जाल में फंसे शिक्षक को पुलिस ने बाहर निकाला
कबीरधाम । थाना पिपरिया में एक शासकीय शिक्षक राधेलाल डहरिया, निवासी वार्ड क्रमांक 12, इंदौरी द्वारा लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने ग्राम झलमला की निवासी श्रीमती शकुन उर्फ सतनाम खुराना उर्फ सतनाम खुराना पति सतबीर उर्फ लक्की खुराना द्वारा वर्षों से सूदखोरी कर मानसिक, आर्थिक व सामाजिक रूप से प्रताडि़त करने की गंभीर शिकायत दर्ज कराई। प्रार्थी के अनुसार उसके द्वारा वर्ष 2018 में घरेलू आवश्यकताओं हेतु शकुन खुराना से ?4,00,000 उधार लिया गया था, जिस पर आरोपी महिला द्वारा अवैध रूप से 10प्रतिशत मासिक ब्याज वसूला गया। वर्षों तक पीडि़त ने ज़मीन बेचकर, बैंक से लोन लेकर लगभग ?40,00,000 से अधिक की राशि चुका दी, फिर भी आरोपी महिला द्वारा धमकी, अश्लील गाली-गलौज, परिवार को अपमानित करना, तथा झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी जाती रही। 03 जून 2025 को आरोपी महिला अपने पति के साथ पीडि़त के घर पहुंचकर दबावपूर्वक चार हस्ताक्षरित कोरे चेक प्राप्त कर जबरदस्ती साथ ले गई। यही नहीं, पीडि़त के स्कूल में भी पहुँचकर बार-बार फोन के माध्यम से ब्लैकमेल किया गया। उक्त आवेदन के आधार पर थाना पिपरिया में मामले की गंभीरता को देखते हुए अपराध क्रमांक 175/2025 अंतर्गत धारा 294, 351(2), 308(2) भारतीय न्याय संहिता (क्चहृस्) एवं छत्तीसगढ़ ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 की धारा 4 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (भा.पु.से.) के निर्देशन में एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र बघेल एवं पंकज पटेल के मार्गदर्शन में उप पुलिस अधीक्षक आशीष शुक्ला के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी अमित कश्यप, उप निरीक्षक जयराम यादव एवं टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी महिला के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। ऐसे मामलों में पुलिस का रुख पूर्णत: सख्त है एवं किसी भी प्रकार की शोषणकारी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कबीरधाम पुलिस आम नागरिकों से अपील करती है कि किसी भी परिस्थिति में अवैध सूदखोरों से उधार न लें। यदि धन की आवश्यकता हो, तो अधिकृत बैंक या सहकारी संस्थाओं से ऋण लेना ही उचित विकल्प है। इसके साथ ही, नागरिकों को सतर्क किया जाता है कि कभी भी किसी को भी हस्ताक्षरित कोरा (ब्लैंक) चेक न दें, चाहे वह व्यक्ति कितना भी परिचित या करीबी क्यों न हो। अक्सर ऐसे चेकों का दुरुपयोग कर लोगों को झूठे मामलों में फंसाया जाता है और उनका मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक शोषण किया जाता है। यदि कोई भी व्यक्ति सूदखोरी, धमकी या किसी प्रकार के आर्थिक ब्लैकमेल का शिकार हो रहा है, तो बिना किसी संकोच के तत्काल निकटतम थाना या जिला कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज करें। कबीरधाम पुलिस सभी अवैध सूदखोरों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने हेतु प्रतिबद्ध है और ऐसे मामलों में आमजन को पूर्ण सुरक्षा व न्याय प्रदान करने के लिए तत्पर है।
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