-पूर्व नक्सली इलाकों में गुरुकुल की स्थापना, बच्चे लौटे शिक्षा की ओर
बीजापुर । बस्तर संभाग, जो कभी नक्सलवाद का गढ़ माना जाता था, अब शिक्षा और विकास की नई इबारत लिख रहा है। राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त रणनीति तथा सुरक्षाबलों के साहसिक अभियानों ने नक्सलियों की पकड़ को कमजोर कर दिया है। बस्तर के सात में से अधिकांश जिलों में नक्सल प्रभाव अब लगभग समाप्त हो चुका है। इस बदलाव की बयार में शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के नए द्वार खुल रहे हैं।
सीआरपीएफ ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को मुख्यधारा से जोडऩे के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है। मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा के गांव पूवर्ती में पहली बार 'गुरुकुलÓ नाम से शिक्षा केंद्र स्थापित किया गया है। पूवर्ती, टेकलगुड़ेम और सिलगेर जैसे गांव, जो कभी नक्सलियों का अड्डा हुआ करते थे, अब शिक्षा की रोशनी से जगमगा रहे हैं। इन तीन गुरुकुलों में अब तक 80 से अधिक आदिवासी बच्चे पढ़ाई से जुड़ चुके हैं। इन बच्चों को 'शिक्षादूतÓ शिक्षक पिछले एक साल से पढ़ा रहे हैं।
पहुंची विकास की किरण
पूर्व नक्सली इलाकों में गुरुकुल की स्थापना, बच्चे लौटे शिक्षा की ओरपहले इन इलाकों में सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं, लेकिन 19 साल बाद विकास की रफ्तार ने इन गांवों को छू लिया है। पूवर्ती के अलावा कई बच्चे 100 किमी दूर कुआकोंडा के पोटाकेबिन स्कूल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। सीआरपीएफ न केवल शिक्षा की व्यवस्था कर रही है, बल्कि बच्चों के लिए कॉपी-किताब, खेलकूद और अन्य जरूरी सामग्री भी उपलब्ध करा रही है। बच्चों के समग्र विकास के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन भी किया जा रहा है, जिससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ रहा है।
स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से जोडऩे की मुहिम
सुकमा के जिला शिक्षा अधिकारी जीआर मंडावी ने बताया कि पूवर्ती में एक नए स्कूल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। पढ़ाई छोड़ चुके 35 बच्चों को फिर से स्कूल से जोडऩे के लिए उनके अभिभावकों से लगातार बातचीत की जा रही है। यह पहल न केवल शिक्षा के प्रसार को बढ़ावा दे रही है, बल्कि सामाजिक बदलाव का भी प्रतीक बन रही है।
नई उम्मीद की किरण
बस्तर में शिक्षा की यह नई शुरुआत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एक नई उम्मीद जगा रही है। यह पहल न सिर्फ बच्चों के भविष्य को संवार रही है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि बस्तर अब नक्सलवाद की छाया से बाहर निकलकर विकास और शिक्षा की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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