होम / दुर्ग-भिलाई / आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा छः दिवसीय यूथ हैप्पीनेस प्रोग्राम
दुर्ग-भिलाई
-अगला कार्यक्रम 6 मई से 11 मई तक आयोजित किया जाएगा
-जीवन में खुशी पाने के लिए अपना नजरिया बदलें
दुर्ग। श्री श्री प्रिया कुटीर दुर्ग में यूथ हैप्पीनेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया। आर्ट ऑफ लिविंग जो कि एक गैर सरकारी संस्थान है जिसका मुख्य कार्यालय बेंगलुरु में है जो 188 से भी अधिक देशों में फैली हुई है, इसके संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी हैं और जिनका एक ही विजन है तनाव मुक्त समाज और हिंसा मुक्त विश्व। प्रोग्राम स्पेशली यूथ पर केंद्रित था और उसे रिलेटेड जो भी इशू है तनाव स्ट्रेस मैनेजमेंट करियर गाइडेंस पेरेंटिंग इन सभी बातों पर चर्चा की गई। है। मुख्य रूप से सुदर्शन क्रिया जो सांसों की एक लब्बद्ध तकनीक है इसे सभी लोगों ने सीखा और यह इस क्रिया के माध्यम से तनाव मुक्ति का अनुभव किया। प्रोग्राम के प्रशिक्षक के रूप में हिमानी ठाकुर, नेहा अग्रवाल और शुभम सिंह उपस्थित रहे । मीनाक्षी चंद्राकर वालंटियर के रूप में मौजूद रही। प्रोग्राम का अनुभव सभी को काफी खुश में रहा और विभिन्न बातों बातें सीखी जैसे वर्तमान क्षण में रहना है। दुर्ग स्थित प्रिया कुटीर में छ: दिवसीय यूथ हैप्पीनेस प्रोग्राम आर्ट ऑफ लिविंग के द्वारा कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जीवन की समस्याओं को सुलझाने और समझाने पर जोर दिया गया। यह कार्यक्रम पूरी तरह से यूथ को केंद्रित करके आयोजित किया गया। समय-समय पर गतिविधियों के साथ ध्यान प्राणायाम चर्चा प्रश्न उत्तर आदि आयोजित किया गया।
इस अवसर पर प्रशिक्षक शुभम सिंह, हिमानी ठाकुर नेहा अग्रवाल ने गुरुदेव के ज्ञान को स्थापित करते हुए बताया की गुरुदेव कहते हैं - प्रसन्न रहने के लिए भविष्य और भूत को छोड़कर वर्तमान में रहने का अभ्यास करना चाहिए। खुशी वर्तमान में मिलती है भूत और भविष्य में नहीं। कुछ लोग अपनी पूरी जिंदगी भूत और भविष्य को सोने में ही लगा देते हैं। वे लोग वर्तमान को जी ही नहीं पाते। हम सबको खुश रहने का अभ्यास करना चाहिए। जिसके पास जो होगा वही वह दूसरों को देगा। आप दुखी होंगे तो आपके आसपास दुख सर्कुलेट होगा। आप खुश रहेंगे तो खुशी सर्कुलेट होगी। जैसे हम लोग टीवी का चैनल बदलते हैं ऐसे ही हमारे जीवन के कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हमारा चैनल बदल देते हैं। हम उनके द्वारा कह गए शब्दों के कारण दुखी हो जाते हैं सुखी हो जाते हैं तनाव में पड़ जाते हैं यह सही नहीं है। आप स्वयं को समय दीजिए। खुद प्रसन्न रहिए जीवन आनंदित हो जाएगा।
नेहा अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग संपूर्ण विश्व को अपना परिवार मानता है। हम सब जब आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़ते हैं तो एक दूसरे के सुख-दुख से जुड़ने की कोशिश करते हैं। हमारी सेवाएं निस्वार्थ है। आर्ट ऑफ़ लिविंग 187 देश में काम कर रहा है। लोगों को तनाव मुक्त करके बेहतर जीवन देने की कोशिश कर रहा है। सुदर्शन क्रिया के प्रतिदिन अभ्यास से हमारा मन शुद्ध और पवित्र होता है। जीवन की समस्याएं खत्म होने लगती हैं। गुरुदेव की कृपा बरसने लगती है।
संपादक- पवन देवांगन
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