रायपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की दिवंगत मुख्य प्रशासिका दादी रतनमाहिनी की पुण्य स्मृति में शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में श्रद्घाजंलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें सभी ने 101 वर्ष की आयु में दिवंगत मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी को श्रद्घासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने दादी जी के व्यक्तित्व का उल्लेख करते हुए बतलाया कि दादी रतनमोहिनी जी दैवी गुणों की थीं। उनमें नेतृत्व कला और प्रशासकीय कौशल भी था। बचपन से अध्यात्म के प्रति लगन और परमात्मा को पाने की चाह के कारण दादी रतनमोहिनी जी महज तेरह वर्ष की अल्पायु में ही ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़ गई थीं। वर्ष 1937 में ब्रह्माकुमारीज की स्थापना से लेकर अब तक उन्होंने 87 वर्षों का लम्बा समय इस संस्थान को दिया। वर्ष 1985 में उनके मार्गदर्शन में भारत के कोने-कोने से निकाली गई तीस हजार किलोमीटर की युवा पदयात्रा को सबसे लम्बी पदायात्रा के रूप में लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया था। वर्ष 2014 में गुलबर्गा विश्वविद्यालय ने उन्हें युवाओं और महिलाओं के आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए डॉक्टरेट की उपाधि देकर सम्मानित किया था। वह नारी शक्ति के सबसे बड़े संगठन ब्रह्माकुमारीज की मुखिया के रूप में पांच हजार पांच सौ सेवाकेन्द्रों और पचास हजार गीता पाठशालाओं का संचालन कर रही थीं। समारोह में ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, किरण दीदी, रश्मि दीदी, भावना दीदी, निधी दीदी, इति दीदी, वनिषा दीदी, अदिति दीदी सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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