-महाराष्ट्र राज्य के बुलढाणा जिले का मामला, 02 दर्जन से अधिक मजदूरों ने एसपी कार्यालय में सौपा ज्ञापन, करीब 30 लाख रु की बकाया मजदूरी का भुगतान सहित दोषियों पर कार्यवाही की करी मांग
बालाघाट। जिले में उद्योग व्यापार और रोजगार न होने के चलते प्रतिवर्ष जिले के लाखो मजदूर बाहर राज्यों में जाकर मजदूरी कर, अपना जीवन यापन करते हैं। लेकिन बाहर राज्यों में लगातार इन मजदूरों का शोषण हो रहा है। जिसके मामले आए दिनों प्रकाश में आते रहते हैं।इन्हीं सब मामलों के बीच आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बैहर बिरसा के आदिवासी मजदूर को, महाराष्ट्र राज्य बुलढाना जिले के ठेकेदारों द्वारा प्रलोभन देकर कार्य के लिए अपने साथ ले जाने, उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान करने ,उन्हें लगातार आर्थिक रूप से प्रताड़ित कर मजदूरी का भुगतान न करने और मजदूरों के साथ मारपीट कर उन्हें वहां से भगा दिए जाने का एक मामला सामने आया है। जहां से आए करीब दो दर्जन से अधिक मजदूरों ने भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले मंगलवार को एसपी कार्यालय में एक ज्ञापन सौपकर संबंधित ठेकेदारों से उनकी बकाया मजदूरी करीब 30 लाख रु का भुगतान करने और गाली गलौज कर मारपीट करने वाले ठेकेदारों से पर वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है। जहां उन्होंने बैहर पुलिस थाने में मजदूरों की शिकायत दर्ज न करने पर नाराजगी जताते हुए मजदूरों ने एसपी से मुलाकात कर उक्त मामले में यथाशीघ्र कार्यवाही कर उन्हें इंसाफ दिए जाने की गुहार लगाई है।
-2 वर्ष पूर्व मारपीट में एक मजदूर की हो चुकी है मौत..
भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले उक्त मांग को लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे मजदूर ने बताया कि बिरसा मंडई क्षेत्र की लगभग 8-10 पंचायत एवं गढी क्षेत्र के लगभग 52 मजदूर महाराष्ट्र राज्य के बुलढाना जिला स्थित गुरूकृपा स्टोन केशर ग्राम गुंजाला में ऑपरेटर, ब्लास्टर, हेल्पर मजदूरी का कार्य करने गए थे। ठेकेदार के द्वारा हमारे क्षेत्र
के आदिवासी युवाओ को भरोसा दिलाकर काम पर रखा था और हम लोग भरोसा करके काम करते आ रहे थे ।ठेकेदार हमें ओरीजनल आधारकार्ड एवं मोबाईल को अपने पास जमा करा लेता था और अलग-अलग स्थानो पर काम करवाता था।जब भी मजदूरी के पैसे मांगते थे तो मालिक गजानंद घुगे, विष्णु घुगे, मंगेश घुगे, ऋषि,मुंढे और मैनेजर सचिन मोरे के द्वारा लात-घुसो से मारता जाता था,यह तक कि खाना बंद करवा देता था और जो व्यक्ति पैसे की मांग करता था उसे अपने घर की बकरी मुर्गी और गाय को चरवाता था। ज्यादा बोलने पर मैनेजर और दोनो मालिक मिलकर, कमरे में बंद कर लात घुसो से मारा करते थे और पैसे मांगने पर चोरी के इल्जाम में फँसवाने की धमकी देते थे। मजदूरों ने बताया कि उन्हें अक्सर जान से मारने की धमकियां दी जाती थी। जिनकी प्रताड़ना और मारपीट के चलते एक मजदूर अनिल धुर्वे गढ़ी क्षेत्र कदला निवासी की 2 वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है।
-मारपीट के डर से नहीं मांग रहे थे मजदूरी..
मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार और उनके लोगों द्वारा लगातार मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। वर्तमान समय मे बदनिया देवगांव निवासी के एक पैर को तोड़ दिया गया है। तो वहीं अन्य मजदूरों के साथ भी मारपीट की गई है ।जिसके डर से उससे कोई पैसे की मांग नही करता था उसके डर से सभी लोग पैसा, मोबाईल, आधार और अन्य सामान रखकर छिपकर भागकर आये है। उन्होंने आगे बताया कि लगभग हम 70 लोग काम करने महाराष्ट्र गये थे। उन सभी को जूते, लातो से मारकर मॉ-बहन की गंदी गाली देते थे और किसी का 04 महीना, किसी का 02 माह, किसी का 01 माह और किसी का 01 वर्ष का पैसा लेना बाकी है जो लगभग 30 लाख रु के करीब है। ठेकेदार मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं कर रहा है।
-बिरसा पुलिस नहीं कर रही कार्यवाही..
मजदूरों ने आगे बताया कि 4 दिन पूर्व 4 अप्रैल को महाराष्ट्र की एक पिकप दूसरे गांव में और मजदूरो को लेने आया थी। जिसकी जानकारी मिलने पर ग्राम मंडई के पण्डाटोला में पिकप को देखते हुए सभी लोग इकट्ठा हो गए और पैसे देने की बात कही तो उसका मालिक बात करने से इनकार कर रहा है तब जाकर मजदूरों ने बिरसा पुलिस से संपर्क कर शिकायत की। जिस पर पुलिस ने पिकअप वाहन को थाने में खड़ा कर दिया है लेकिन हमारे द्वारा एफआईआर दर्ज करने पर संबंधित लोगो के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिसके चलते हम सभी एसपी कार्यालय आए हैं। हमारी मांग है कि ठेकेदार से हमारी मजदूरी का भुगतान कराया जाए, वही मजदूरों को शारीरिक आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान करने वाले संबंधित लोगों पर दंडात्मक कार्यवाही की जाए ताकि भविष्य में क्षेत्रीय मजदूरों का शोषण ना हो।
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