रायपुर। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार चलाए जा रहे माओवादी विरोधी अभियान के बाद अब बस्तर में सक्रिय नक्सलियों ने भी स्वीकार करना शुरू कर दिया है कि सुरक्षाबलों की कार्यवाही में माओवादियों को भारी नुकसान हो रहा है। साल 2025 में जनवरी से मार्च के महीने तक उनके कुल 78 साथी मारे गए हैं। इनमें 7 ग्रामीणों के मारे जाने की बात कही है। अलग-अलग मुठभेड़ों में उनके बड़े कैडर्स के साथी भी ढेर हुए हैं। कोर इलाके में हजारों फोर्स घुस रही है। इसी के विरोध में अब नक्सलियों ने 4 अप्रैल को बीजापुर बंद बुलाया है। नक्सलियों के प्रवक्ता मोहन ने एक पर्चा जारी कर पिछले 3 महीने में हुए एनकाउंटर में संगठन को हुए नुकसान का जिक्र किया है। मोहन के पर्चे में लिखा है कि 12 जनवरी को बंदेपारा के पास 5 साथी, 9 फरवरी को जालिपेरू के पास 31, 20 मार्च को गंगालूर क्षेत्र में 26, उसी दिन कांकेर में 4 और 25 मार्च को माड़ डिवीजन, इंद्रावती क्षेत्र में 3 साथी मारे गए हैं। जबकि 7 ग्रामीणों की भी मौत होने की बात पर्चे में लिखी है। नक्सल लीडर ने कहा कि, केंद्र और राज्य सरकारें दावा कर रही हैं कि वे 31 मार्च 2026 तक माओवादी आंदोलन को पूरी तरह से खत्म कर देंगे। इस हमले को उसी का एक हिस्सा समझना होगा। केंद्र और राज्य सरकारें योजना के अनुसार दूसरे और तीसरे राज्य और चौथे और पांचवें जिलों के सशस्त्र बलों का इस्तेमाल कर रही है।
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