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दुर्ग-भिलाई
दुर्ग-भिलाई । गीता परिवार, छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित "एकदिवसीय बाल संस्कार वर्ग कर्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यशाला" का सफलतापूर्वक समापन हुआ। कार्यशाला में बच्चों के सर्वांगीण विकास और नैतिक मूल्यों का सींचन कैसे करें इस पर संगमनेर महाराष्ट्र से पधारी प्रमिला महेश्वरी जी ने अपनी अनोखी रुचिपूर्ण शैली में अपने अनुभवो का विशेष प्रकाश आलोकित किया।
कार्यशाला में, गीता परिवार के सदस्यों ने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और सहयोगियों को उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
मुख्य बातें..
रामजन्मभूमि न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरी की उपस्थिति के लिए विशेष धन्यवाद दिया गया।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों, विशेष रूप से महापौर श्रीमती अल्का बाघमार एवं देवनारायण चंद्राकर, को उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया गया। महापौर ने ऐसे बाल संस्कार वर्गों को अतिआवश्यक बताते हुए कहा कि जिस प्रकार सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों का ह्रास हुआ है वहां बच्चों में आरम्भ से ही ऐसे संस्कार डालने की नितांत आवश्यकता है और बच्चों को सिखाने के पूर्व हम बड़ों को सीखना जरूरी है। साथ ही साथ सनातन पर हो रहे अत्याचार को रोकने हेतु हमें हमारे बच्चों को अभी से सक्षम बनाना आरम्भ करना होगा। इस कार्य हेतु अपना सम्पूर्ण सहयोग प्रदान करने का उन्होंने भरोसा भी दिया।
कार्य शाला की मुख्य प्रशिक्षिका प्रमिला महेश्वरी जी ने बताया कि यह बाल संस्कार वर्ग का कार्य लड्डू गोपाल की सेवा का अत्यंत ही पुण्यकारी और आनंददायक काम है। इसकी तुलना इत्र की दुकान से करते हुए उन्होंने बताया की इस वर्ग को करने वाले का जीवन सदा ही महकते रहता है। बाल संस्कार वर्ग द्वारा बच्चों में सनातन संस्कारों के सींचन के साथ-साथ उनका सर्वांगीण विकास होता है तथा अकेडमिक में भी अप्रत्याशित सफलता मिलती है। इस कार्य में संलग्न कार्यकर्ता का भी व्यक्तित्व विकास सहज ही में हो जाता है।
कार्यशाला के दूसरे दिन दुर्ग शहर के विभिन्न स्थानों महेश कॉलोनी, शनिचरी बाजार, पद्मनाभपुर एवं हनुमान नगर में संचालित अनेक मंदिरों में बाल संस्कार वर्ग का भ्रमण कर वहां के बच्चों का मार्गदर्शन तथा कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन प्रमिला दीदी द्वारा किया गया।
प्रतिभावान बच्चों को पुरस्कृत कर सभी बच्चों को गीता परिवार की "बालपाठ माला पुस्तिका" भेंट की गई। साथ ही साथ बच्चों के साथ संवाद कर उन्हें अनेक मनोरंजक खेल, कथा, कहानी बतलाये गए।
गीता परिवार, छत्तीसगढ़ के सभी कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों और सहयोगियों के अथक प्रयासों की सराहना की गई। कार्यशाला में ज्ञान, अनुभव और विचारों के संगम को महत्वपूर्ण बताया गया। भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।
-आयोजकों के शब्द..
"यह कार्यशाला हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हम सभी के आभारी हैं जिन्होंने इसे सफल बनाने में अपना योगदान दिया। हम बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए ऐसे प्रयास जारी रखेंगे।" -
गीता परिवार, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष गीतगोविन्द साहू।
विशेष धन्यवाद:
गीता परिवार ने प्रमिला ताई महेश्वरी, अल्का बाघमार , देवनारायण चंद्राकर , योगी चंद्राकर , आशीष खंडेलवाल , आशीष शर्मा , शशि बागड़ी दीदी, अशोक पाण्डेय, राधारानी दीदी, भूमिजा दीदी, सीमा दीदी, माधुरी दीदी, विनय दीदी, अर्चना दीदी, योगेश राठी भैय्या, प्रमिला त्रिवेदी दीदी, आशुतोष भैय्या और होटल वाणी के समस्त स्टॉफ विशेषकर बजरंग साहू को उनके विशेष सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
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