रायगढ़। छत्तीसगढ़ राज्य पावर वितरण कंपनी के रायगढ़ स्थित स्टोर में लगी भीषण आग ने 400 पुराने ट्रांसफॉर्मर को भस्म कर दिया। इस घटना से कंपनी को एक बार फिर लाखों रुपये की क्षति हुई है। आगजनी के बाद स्टोर के कार्यपालन यंत्री गुंजन शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया, साथ ही घटना की जांच शुरू कर दी गई है। बड़ी बात यह है कि ट्रांसफॉर्मर और अन्य विद्युत उपकरणों का बीमा नहीं कराया गया था, जिससे नुकसान का बोझ और बढ़ गया।
सूखी घास और लापरवाही बनी आग की वजह
सीन ऑफ क्राइम मोबाइल यूनिट के वरिष्ठ वैज्ञानिक पीएस भगत की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टोर के बाहर सूखी घास और छोटे पेड़ों की सफाई नहीं की गई थी। संभावना जताई गई कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने बीड़ी या सिगरेट का टुकड़ा बिना बुझाए फेंका, जिससे सूखी घास में आग लगी और चिंगारी स्टोर के भीतर केबल तक पहुंच गई। प्लास्टिक और ट्रांसफॉर्मर के तेल ने आग को तेजी से फैलने में मदद की। स्टोर में फायर सिस्टम मौजूद था, लेकिन तेज हवा के कारण आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
जांच शुरू, फायर ऑडिट पर सवाल
आगजनी के बाद कंपनी प्रबंधन ने बिलासपुर के मुख्य अभियंता आलोक अम्बष्ट को जांच का जिम्मा सौंपा है। हटाए गए कार्यपालन यंत्री गुंजन शर्मा ने सफाई दी कि आग जहां लगी, वहां रिपेयर के लिए रखे गए पुराने ट्रांसफॉर्मर थे, नए ट्रांसफॉर्मर सुरक्षित हैं। हालांकि, पावर कंपनी के गलियारों में पुराने ट्रांसफॉर्मर के जलने को लेकर चर्चाएं तेज हैं, क्योंकि इनका पुन: उपयोग संभव था। स्टोर में फायर ऑडिट के निर्देशों का पालन नहीं होने की बात भी सामने आ रही है।
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