रायपुर । भारत में नक्सलवाद हमेशा से एक गंभीर चुनौती बना हुआ है, और इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने कई रणनीतियां अपनाई हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की, जिसमें 30 नक्सली मारे गए और सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार बरामद किए. इस ऑपरेशन में एक जवान ने भी अपनी जान गंवाई.125 गांवों की मैपिंग और हिडमा की तलाशछत्तीसगढ़ और इसके आसपास के इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ चल रही इस जंग में अब तक 77 नक्सलियों का खात्मा हो चुका है. अब सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है नक्सली कमांडर हिडमा की तलाश करना, जो कि इस इलाके का सबसे खतरनाक और प्रभावशाली नक्सली नेता माना जाता है. हिडमा की खोज के लिए सुरक्षा बलों ने 125 से ज्यादा गांवों की टेक्निकल मैपिंग शुरू कर दी है, ताकि हर इलाके और रास्ते की सटीक जानकारी मिल सके. इन गांवों की मैपिंग में थर्मल इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे सुरक्षाबलों को छिपे हुए नक्सलियों की पहचान करने में मदद मिल रही है.एनटीआरओ की मदद से हो रही है कार्रवाईसुरक्षाबलों को इस मिशन में हृञ्जक्रह्र की मदद मिल रही है. हृञ्जक्रह्र इस इलाके की मैपिंग में सहयोग दे रहा है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब सुरक्षाबल जब भी ऑपरेशन पर जाएंगे, उन्हें सभी रास्तों और इलाके की सटीक जानकारी मिलेगी. इससे नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा.नक्सलमुक्त भारत का सपना होगा साकारइस सफलता पर गृह मंत्री अमित शाह ने खुशी जताते हुए भरोसा दिलाया कि अगले साल 31 मार्च तक भारत को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, नक्सलमुक्त भारत अभियान के तहत हमारे सुरक्षाबलों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है. मोदी सरकार नक्सलियों के खिलाफ कठोर रवैया अपना रही है और समर्पण करने के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपना रही है. शाह ने आगे कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ यह कड़ी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता.क्यों है यह कार्रवाई अहम?यह कार्रवाई दिखाती है कि सरकार नक्सलियों के खिलाफ अपनी रणनीति में कितनी तेजी से और सटीकता से काम कर रही है. इन ऑपरेशनों से नक्सलियों की ताकत तो कम हो ही रही है, साथ ही सुरक्षा बलों को भी अधिक ठोस और सटीक जानकारी मिल रही है, जिससे अगले ऑपरेशनों को और अधिक प्रभावी तरीके से अंजाम दिया जा सकेगा.अब आगे क्या?गृह मंत्री अमित शाह के अनुसार, अगले साल मार्च तक भारत नक्सलमुक्त हो जाएगा. यह बहुत बड़ा और चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है, लेकिन इस तरह की रणनीतिक सफलता से यह सपना सच हो सकता है. हालांकि, यह सिर्फ सुरक्षाबलों का काम नहीं है, बल्कि सरकार के अन्य विभागों, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास, को भी इस दिशा में काम करना होगा ताकि नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों की जिंदगी बेहतर हो सके और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके.नक्सलवाद से जंगनक्सलवाद से निपटने का यह संघर्ष किसी साधारण लड़ाई से कहीं बढ़कर है. यह एक जंग है जिसमें सिर्फ सुरक्षा बल ही नहीं, बल्कि पूरी सरकार, समाज और वहां रहने वाले लोग भी योगदान दे रहे हैं. आने वाले समय में और ऑपरेशन होंगे, और उम्मीद की जा रही है कि छत्तीसगढ़ और अन्य प्रभावित राज्यों में नक्सलवाद की जड़ें जल्द ही खत्म हो जाएंगी. नक्सलियों के खिलाफ यह लड़ाई लंबे समय से चल रही है, और हर एक सफलता इस बात का प्रमाण है कि देश इस मुद्दे को सुलझाने के लिए ठान चुका है.
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