-किसानों के खिलाफ षड्यंत्र कर रही भाजपा सरकार, कांग्रेस शासनकाल की योजनाओं को बंद कर किसानों को किया जा रहा परेशान
धमतरी। सिहावा विधायक अंबिका मरकाम ने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार किसानों के अधिकारों का हनन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार कृषि और सिंचाई से जुड़ी योजनाओं को रोककर, बिजली कटौती और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है, जिससे किसानों की आजीविका संकट में आ गई है।
भूपेश सरकार की योजनाओं को किया बंद, किसानों को भारी नुकसान
विधायक मरकाम ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में भूपेश बघेल सरकार ने किसानों के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की थीं, जिनमें प्रमुख रूप से:
हाफ बिजली बिल योजना, जिससे किसानों को बिजली बिल में 50त्न तक की छूट दी गई। कृषि पंपों के लिए 10 हॉर्सपावर तक मुफ्त बिजली, जिससे सिंचाई लागत में कमी आई और किसानों को राहत मिली। सौर सुजला योजना, जिसके तहत किसानों को सोलर पंप दिए गए ताकि बिजली कटौती का असर न पड़े। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, जिसमें किसानों को आर्थिक सहायता दी गई ताकि वे कृषि कार्यों को सुचारू रूप से चला सकें। लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही इन योजनाओं को बंद कर दिया या उनमें कटौती कर दी, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। बिजली कटौती से किसान परेशान, भाजपा सरकार सुनियोजित तरीके से कर रही शोषण
सिहावा क्षेत्र में लगातार बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है, जिससे किसानों की फसलें सूख रही हैं और वे भारी आर्थिक संकट में फंस रहे हैं। विधायक अंबिका मरकाम ने कहा कि यह भाजपा सरकार की सोची-समझी साजिश है, जिसके तहत किसानों को खेती से हतोत्साहित किया जा रहा है। रबी फसल के दौरान सबसे ज्यादा बिजली की जरूरत होती है, लेकिन इस समय जानबूझकर बिजली कटौती की जा रही है। सिंचाई पंपों को चलाने के लिए बिजली उपलब्ध नहीं हो रही, जिससे किसानों को निजी डीजल पंपों पर निर्भर होना पड़ रहा है, जिससे उनकी लागत कई गुना बढ़ गई है। भूपेश सरकार ने किसानों को सस्ती और निर्बाध बिजली देने की गारंटी दी थी, लेकिन भाजपा सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही और बिजली दरों में भी इजाफा कर दिया है।
बोर खनन अनुमति में भ्रष्टाचार, किसानों से जबरन वसूली
विधायक अंबिका मरकाम ने कहा कि किसानों के लिए बोर खनन अब एक बड़ी समस्या बन गया है। भाजपा सरकार ने नियमों को जटिल बना दिया है, जिससे किसानों को बोरिंग की अनुमति लेना मुश्किल हो गया है। बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के बोरिंग की अनुमति नहीं दी जा रही। पटवारी और पीएचई विभाग जानबूझकर किसानों को हृह्रष्ट नहीं दे रहे, जब तक कि वे रिश्वत न दें। पहले किसानों को आसानी से बोरिंग की अनुमति मिल जाती थी, लेकिन अब उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। यह सब भाजपा सरकार की भ्रष्ट नीतियों का हिस्सा है, जिसके जरिए किसानों से जबरन पैसा वसूला जा रहा है। भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों का विरोध करेगी कांग्रेस
विधायक अंबिका मरकाम ने भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही बिजली कटौती की समस्या का समाधान नहीं किया गया और किसानों को बोर खनन की अनुमति नि:शुल्क नहीं दी गई, तो वे किसानों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेंगी। उन्होंने कहा, "भूपेश बघेल सरकार ने किसानों की भलाई के लिए योजनाएं चलाईं, लेकिन भाजपा सरकार उन योजनाओं को बंद कर, किसानों के साथ अन्याय कर रही है। यह सरकार पूरी तरह किसान विरोधी है। अगर बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ और किसानों को बोर खनन की अनुमति देने में भ्रष्टाचार बंद नहीं हुआ, तो कांग्रेस सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी।
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