नई दिल्ली। यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। जिसमें एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जाब्स की पत्नी लारेन पावेल जाब्स मेले में हिस्सा लेने जा रही है। जहां, पॉवेल साध्वी बनकर महाकुंभ में दो सप्ताह तक तप करेंगी। वो कल्पवास में समय बिताएंगी।
रिपोर्ट के अनुसार, पॉवेल निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में रहेंगी। उनसे विभिन्न अनुष्ठानों में भाग लेने और संगम में पवित्र डुबकी लगाने की उम्मीद है, जिससे वे महाकुंभ के आध्यात्मिक सार को पूरी तरह से आत्मसात कर सकेंगी। उनका प्रवास 29 जनवरी तक चलेगा। ऐसा कहा जाता है कि कल्पवास करने से मन माफिक इच्छा का फल मिलता है। इससे जन्म-जन्मांतर के बंधनों से मुक्ति मिल जाती है। संगम पर माघ के पूरे महीने साधना को कल्पवास कहा जाता है। महाभारत के अनुसार, 9 साल तक बिना कुछ खाए-पीए तपस्या करने के फल के बराबर माघ मास के कल्पवास जितना फल प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार, कल्पवास की सबसे कम अवधि एक रात्रि की हो सकती है और कई लोग कल्पवास तीन रात, तीन महीना, छह महीने, 12 साल और जीवनभर पर करते हैं।
इसके साथ आपकों ये भी बता दें कि कल्पवास करना आसान नहीं। कल्पवास के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है- जिसमें सच बोलना, अहिंसा, इंद्रियों पर नियंत्रण करना, सभी प्राणियों पर दयाभाव दिखाना, ब्रह्मचर्य का पालन करना, सभी व्यसनों का त्याग, ब्रह्म मुहूर्त में उठना, रोज तीन बार पवित्र नदी में स्नान करना, पितरों का पिंडदान, दान करना, जप, संकल्पित क्षेत्र से बाहर न निकलना, किसी की भी निंदा न करना, साधुओं की सेवा करना, एक समय भोजन, जमीन पर सोना, अग्नि सेवन और आखिर में देव पूजन शामिल है।
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